ओलम्पिक को छोड़ सभी पदक हैं विनेश के खाते में

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 13 पदक जीत चुकी है पहलवान
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पांच साल पहले चोट के चलते क्वार्टर फाइनल में बाहर होने वाली पहलवान विनेश फोगाट (53 किलोग्राम) टोक्यो में पदक जीतकर उस दर्द को हमेशा के लिए भूलना चाहेंगी। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 26 वर्षीय विनेश का यह दूसरा ओलम्पिक है। दुनिया की नंबर एक पहलवान विनेश ने इस साल लगातार तीन खिताब जीते हैं। 
हरियाणा के भिवानी की विनेश पिछले साल कजाखस्तान में हुई विश्व चैम्पियनशिप के जरिए टोक्यो का टिकट कटाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं। विनेश को दो बार की विश्व चैम्पियन मायू मुकाइडा से कड़ी चुनौती मिलेगी। विनेश का सामना चौथे दौर में इस जापानी पहलवान से हो सकता है। रेसलिंग में विेनेश का दबदबा रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वह टोक्यो ओलम्पिक में भारत को जरूर पदक दिलाएंगी। अपने ताऊ महावीर सिंह फोगाट से कुश्ती के दांव-पेच सीखने वाली विनेश देश और दुनिया की जानी-मानी महिला रेसलर हैं। वहीं अगर विनेश के द्वारा जीते गए पदकों की बात की जाए तो उन्होंने अब तक विभिन्न स्पर्धाओं में 13 मेडल अपने नाम किए हैं। उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य, एशियाई खेलों में एक स्वर्ण और एक कांस्य, राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण और एशियन चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं। 
उनके इस प्रदर्शन को देखकर कहा जा सकता है कि इस बार विनेश टोक्यो में भारत के लिए पदक जीतकर इतिहास रच सकती हैं। विनेश फोगाट रेसलिंग की कई कैटेगरी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह 48, 50 और 53 किलोग्राम भार वर्ग में भारत की तरफ से चुनौती पेश करते हुए पदक हासिल किए हैं। 

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