खिलाड़ियों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाना समय की मांगः अविनाश भटनागर
जिस मैदान में सीखी हॉकी वहां सम्मानित होना यादगार पलः इशिका चौधरी
खेलपथ संवाद
ग्वालियर। जिस मैदान में मैंने हॉकी सीखी और जिस गुरू ने मुझे इस खेल का ककहरा सिखाया उसके हाथों सम्मानित होना मेरे जीवन का यादगार पल है। मैं इस सम्मान पर अपने छोटे भाई-बहनों से इतना ही कहूंगी कि खेल में सफलता के लिए कड़ी मेहनत करें। जो प्रशिक्षक बताएं उसे अमल में लाएं और उस पर कड़ा अभ्यास करें। यह कहना है एशियाड में देश को हॉकी का कांस्य पदक दिलाने वाली होनहार इशिका चौधरी का।
शुक्रवार को इशिका चौधरी को ग्वालियर के दर्पण मिनी स्टेडियम में सम्मानित किया गया। इसी मैदान पर इशिका ने वर्ष 2011 में हॉकी की शुरुआत की थी। अपने प्रथम गुरु अविनाश भटनागर से हॉकी का ककहरा सीखने के बाद होनहार इशिका को मध्य प्रदेश राज्य महिला हॉकी एकेडमी में प्रवेश मिला। वहां उसका खेल न केवल निखरा बल्कि वह पहले जूनियर और फिर सीनियर स्तर पर भारतीय टीम का नियमित सदस्य बनी। इस बेटी ने यूथ ओलम्पिक में चांदी का फलक जीतकर जहां ग्वालियर का गौरव बढ़ाया वहीं अब वह एशियाड में भी कांस्य पदक अपने नाम करने में सफल हुई।
शुक्रवार को ग्वालियर की अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी इशिका चौधरी को उसके ही प्रशिक्षक अविनाश भटनागर ने फूलमाला तथा शाल-श्रीफल के साथ सम्मानित किया। श्री भटनागर ने उसे 2100 रुपये की प्रोत्साहन राशि भेंटकर ग्वालियर की हॉकी में एक नई शुरुआत की। ग्वालियर हॉकी के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी खिलाड़ी को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में हॉकी प्रशिक्षक अविनाश भटनागर ने उपस्थित सभी खिलाड़ियों को इशिका चौधरी की अभी तक की हॉकी यात्रा के बारे में विस्तार से बताया।
श्री भटनागर ने नवोदित खिलाड़ियों को बताया कि इशिका की यह सफलता उसकी लगन, मेहनत तथा अनुशासन का जीवंत उदाहरण है। अविनाश भटनागर ने बताया कि किसी भी खिलाड़ी को आर्थिक रूप से सम्मानित करने का उद्देश्य सांकेतिक रूप से समाज को यह संदेश देना है कि खिलाड़ियों को अधिकाधिक आर्थिक प्रोत्साहन राशि मिले ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। वहीं सम्मान के बाद इशिका चौधरी ने अपने उद्बोधन में नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षक के बताए मार्ग पर अनुशासित रूप से चलने एवं नियमित अभ्यास की सलाह दी। कार्यक्रम के पूर्व इशिका चौधरी का स्वागत अविनाश भटनागर, संगीता दीक्षित, पुष्पेंद्र सिंह, नरेश डांगरोलिया, पुष्पेंद्र शर्मा और दर्पण स्टेडियम के सभी खिलाड़ियों ने किया।
दर्पण मिनी स्टेडियम बना मध्य प्रदेश हॉकी का दर्पण
ग्वालियर के दर्पण मिनी स्टेडियम को यदि मध्य प्रदेश की हॉकी का दर्पण कहें तो उपयुक्त होगा। यह मध्य प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ हॉकी फीडर सेंटर है। यहां से दो महिला अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी कुमारी करिश्मा यादव एवं कुमारी इशिका चौधरी तथा अंकित पाल (अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी) एवं अर्जुन शर्मा जैसे खिलाड़ी निकले हैं। शुक्रवार को दर्पण मिनी स्टेडियम से उभरते हुए खिलाड़ियों को नगद सम्मान राशि प्रदान करने की भी शुरुआत हुई है जिसे खेलहित और खिलाड़ी हित की अच्छी पहल कह सकते हैं। गौरतलब है कि ग्वालियर में जिलास्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 7000 रुपये एवं द्वितीय पुरस्कार 5000 रुपये देने की शुरुआत भी स्वर्गीय शिवाजी पवार की स्मृति में दर्पण मिनी स्टेडियम पर महादजी सिंधिया हॉकी अकादमी द्वारा ही की गई।