विवादों में सरकारों का आर्थिक खेल प्रोत्साहन

पहलवान दिव्या काकरान मामले में भाजपा-आप आमने-सामने
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
हर बड़ी खेल प्रतियोगिता के बाद सरकारों द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर अब विवादों की शुरुआत होना आम बात हो गई है। नामवर खिलाड़ी यह भूल जाते हैं कि जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को सुविधाएं बहुत कम नसीब हो पाती हैं। पैसे की खातिर बड़े खिलाड़ी पाला बदलते देर नहीं लगाते। हाल ही राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान ने दिल्ली सरकार पर आर्थिक मदद देने का वादा कर मुकर जाने का आरोप क्या लगाया भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हो गए। दरअसल, दिव्या ही नहीं कई ऐसे कई खिलाड़ी हैं जोकि पैसे की खातिर अपने आपको देश का खिलाड़ी होने का राग अलापते देखे गए हैं। उत्तराखंड की हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया को ही लें उन्हें टोक्यो ओलम्पिक के बाद तीन राज्यों की तरफ से प्रोत्साहन राशि लेते देखा गया।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पहलवान दिव्या काकरान ने एक बार फिर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अरविंद केजरीवाल पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया है। दरअसल पहलवान दिव्या ने कॉमनवेल्थ गेम्स में राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 68 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। उनकी इस उपलब्धि पर कई लोगों ने उनको बधाई दी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दी गई बधाई के जवाब में दिव्या ने दिल्ली सरकार से किसी तरह की कोई ईनामी राशि या मदद नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था। दिव्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये भी बताया कि लोग उनको फोन करके परेशान कर रहे हैं, लेकिन मदद के लिए किसी का फोन नहीं आया है। 
दिव्या के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि आप दिल्ली राज्य की तरफ से नहीं बल्कि हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती रही हैं। इसके जवाब में दिव्या ने अपने दिल्ली से खेलने का सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर किए। दिव्या ने सर्टिफिकेट पोस्ट करते हुए लिखा, "2011 से 2017 तक मैं दिल्ली से खेलती थी, ये रहा सर्टिफिकेट दिल्ली स्टेट का। अगर आपको अभी भी यकीन नहीं तो दिल्ली स्टेट से 17 गोल्ड है, मेरा वो सर्टिफिकेट भी अपलोड करूं।"
दिव्या काकरान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, ''2019 में यूपी सरकार ने मुझे रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार दिया। 2020 में उन्होंने मुझे आजीवन पेंशन दी। कल, उन्होंने 50 लाख रुपये और एक अधिकारी रैंक पद की घोषणा की। यूपी सरकार ने मेरी मदद की, यहां तक कि हरियाणा सरकार ने भी लेकिन दिल्ली कभी मदद के लिए आगे नहीं आई।''
उन्होंने आगे कहा, ''मैं बहुत गरीबी से आई हूं, मेरे पास यात्रा करने के लिए पैसे नहीं थे, मुझे ट्रेन के शौचालयों के बगल में बैठना पड़ा, प्रतियोगिताओं की यात्रा के लिए सामान्य बोगी में जाना पड़ा। दिल्ली सरकार ने कभी हमारी मदद नहीं की। मैंने 2018 में यूपी से लड़ना शुरू किया था।'' दिव्या ने कहा, ''मैं इतने लम्बे समय से कुश्ती लड़ रही हूं। अगर मैं लड़कियों से लड़ती तो कोई मुझे पैसे नहीं देता था, इसलिए मैंने अपनी डाइट बनाए रखने के लिए लड़कों से लड़ाई लड़ी। 2017 तक मैंने दिल्ली को 58 पदक दिए थे।''
दिव्या ने दिल्ली सीएम केजरीवाल को लेकर कहा, ''मैं 2017 में एशिया में पदक जीतने के बाद सीएम केजरीवाल से मिली, अगर मैं उन्हें लिखित में देती हूं, तो उन्होंने मुझे मदद का आश्वासन दिया था। मैंने किया, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया, कभी मिले भी नहीं। उन्होंने डाइट, यात्रा, किसी भी अन्य खर्च पर किसी भी तरह से मदद नहीं की।''
दिव्या काकरान ने रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, ''मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहेदिल से धन्यवाद, मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं, परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई और न कोई मदद दी गई। मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी और स्टेट से भी खेलते हैं उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए।'' इसके साथ ही दिव्या ने साल 2018 का एक वीडियो शेयर कर कहा है कि ऐसा लगता है कि समय ने खुद को दोबारा दोहराया है। सब कुछ पहले जैसा ही है, न कल मेरे लिए कुछ किया गया था न ही अब।

 

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