भारत के पदकवीरों का जोरदार स्वागत

खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार दमखम दिखाने वाले खिलाड़ियों का देश वापसी पर जोरदार स्वागत किया गया। पदक विजेताओं के भारत पहुंचने पर फूलों की वर्षा की गई। लम्बी दूरी की धाविका प्रियंका गोस्वामी अलग रंग में नजर आईं। प्रियंका ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 हजार मीटर महिला तेज चाल में रजत पदक अपने नाम किया था। वह मेरठ की रहने वाली हैं।
भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया का भी एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। उन्हें लोगों ने अपने कंधे पर उठा लिया था। बजरंग ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। उन्होंने कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में फाइनल में कनेडियन पहलवान लचलान को 9-2 से शिकस्त दी। बजरंग का यह राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरा पदक और लगातार दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत, 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीता था। वहीं, एक बार फिर बर्मिंघम में उन्होंने स्वर्ण जीता है। जब बजरंग स्वर्ण पदक लेने के लिए पहुंचे तो राष्ट्रगान के वक्त उनकी आखें नम हो गई थीं। 
भारत के हाई जंपर तेजस्विन शंकर का भी दिल्ली एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। तेजस्विन ने रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। उन्होंने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत के पदकों का खाता खोला। तेजस्विन शंकर ने कांस्य के रूप में ट्रैक एंड फील्ड में भारत के लिए पहला पदक जीता। इतना ही नहीं तेजस्विन किसी भी राष्ट्रमंडल खेलों में हाई जंप में भारत के लिए पदक जीतने वाले पहले एथलीट बन गए। पुरुषों के हाई जंप इवेंट के फाइनल में तेजस्विन ने 2.22 मीटर के जंप के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। 
बॉक्सिंग में महिलाओं के 45-48 किग्रा भारवर्ग में नीतू घणघस ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल मैच में इंग्लैंड की डेमी जाडे को 5-0 से हराया। एयरपोर्ट पर वह अपने परिवार वालों के साथ नजर आईं। उन्होंने अपना स्वर्ण पदक भी सबको दिखाया। पहलवान दीपक पूनिया ने अपने पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। दीपक ने फाइनल में पाकिस्तानी पहलवान को चित किया। दीपक को एयरपोर्ट पर प्रशंसकों ने कंधे पर उठा लिया। वहीं मोहित ग्रेवाल ने कांस्य अपने नाम किया। उन्हें भी फैन्स ने खूब सारा प्यार दिया।
भारतीय मुक्केबाजों का भी दिल्ली में शानदार स्वागत किया गया। मुक्केबाजों ने बर्मिंघम में तीन स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते। नीतू, निकहत जरीन और अमित पंघाल ने स्वर्ण अपने नाम किया तो वहीं सागर रजत जीतने में कामयाब रहे। रोहित टोकस, जैस्मिन और मोहम्मद हुसामुद्दीन ने कांस्य जीता। लवलीना बोर्गोहेन कोई पदक नहीं जीत सकीं।
ट्रैक और फील्ड पदक विजेता अविनाश साबले और ट्रिपल जंपर्स एल्डहॉस पॉल और अब्दुल्ला अबूबकर का साई बेंगलुरु केंद्र में स्वागत किया गया। एल्डहॉस ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पहला स्वर्ण जीता। वहीं, अबूबकर दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें रजत मिला। 
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन लाजवाब रहा। भारत ने 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत कुल 61 पदक अपने नाम किए। भारत 72 देशों की प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहा। भारत से ऊपर केवल ऑस्ट्रेलिया (178 पदक), इंग्लैंड (176 पदक) और कनाडा (92 पदक) रहा। भारत का पदक जीतने का सिलसिला तीन भागों में बंटा।
शुरुआत में वेटलिफ्टर्स ने कमाल दिखाया। मीराबाई चानू, अचिंता शेउली और जेरेमी लालरिनुंगा समेत वेटलिफ्टर्स ने 10 पदक जीते। इसके बाद कुश्ती में भारत ने 12 पदक हासिल किए। इतना ही नहीं आखिर में भारतीय मुक्केबाजों और शटलर ने पदक जीते। साथ ही टेबल टेनिस में भी भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा। इसके बाद भारत के पदकवीरों का अपने देश में भव्य स्वागत किया गया। पहलवानों से लेकर मुक्केबाज तक, सभी का बैंड-बाजे और फूल-माले के साथ स्वागत किया गया।

 

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