बजरंग पूनिया का राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार दूसरा स्वर्ण

साढ़े चार मिनट के अंदर जीते पहले तीन मैच
बर्मिंघम।
जितने मिनट में कुश्ती का एक मैच होता है, उतने से भी कम समय में बजरंग ने बर्मिंघम में अपने पहले तीन मैच जीते। फाइनल में भी बजरंग ने एकतरफा जीत हासिल की। बजरंग ने चार मैचों को मिलाकर स्वर्ण जीतने के लिए 9 मिनट 18 सेकेंड का वक्त लिया। पहला मैच उन्होंने 1 मिनट 47 सेकेंड, दूसरा मैच 1 मिनट, तीसरा मैच 1 मिनट 31 सेकेंड और चौथा मैच छह मिनट में जीता।
भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। उन्होंने कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में फाइनल में कनेडियन पहलवान लचलान को 9-2 से शिकस्त दी। कुश्ती का मुकाबला छह मिनट का होता है, लेकिन बजरंग ने इन खेलों में शुक्रवार को अपने पहले तीन मुकाबले दो मिनट के अंदर जीते। यानी जितने मिनट में एक कुश्ती मैच होता है, उतने में बजरंग ने अपने पहले तीन मैच जीत लिए थे।
बजरंग ने बर्मिंघम में स्वर्ण तक के सफर में चार मैचों को मिलाकर जीत के लिए कुल 9 मिनट 18 सेकेंड का वक्त लिया। फाइनल में पूरे छह मिनट का मुकाबला हुआ और बजरंग ने 9-2 से जीत हासिल की। पहला मैच बजरंग ने 1 मिनट 47 सेकेंड, दूसरा मैच 1 मिनट, तीसरा मैच 1 मिनट 31 सेकेंड और चौथा मैच छह मिनट में जीता।
बजरंग का यह राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरा पदक और लगातार दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत, 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीता था। वहीं, एक बार फिर बर्मिंघम में उन्होंने स्वर्ण जीता है। जब बजरंग स्वर्ण पदक लेने के लिए पहुंचे तो राष्ट्रगान के वक्त उनकी आखें नम हो गई थीं।
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेत पहलवान बजरंग का 65 किलोग्राम भारवर्ग में पहला मुकाबला नौरू के लोवे बिंघम से हुआ। इस मैच में बजरंग ने बिंघम को पटका और चार अंक हासिल करते हुए जीत हासिल की। बजरंग ने अपना पहला मुकाबला एक मिनट 47 सेकेंड में जीत लिया। इस मैच में विक्ट्री बाय फॉल के आधार पर बजरंग ने जीत हासिल की।
दूसरे मैच यानी क्वार्टर फाइनल में बजरंग की भिड़ंत मॉरिशस के जीन गुइलनियेन जोरिस बांदू से हुई। इसमें भी बजरंग ने टेक्निकल पॉइंट्स से अंक हासिल किए और विक्ट्री बाय फॉल से 6-0 से मैच अपने नाम किया। बजरंग ने मॉरिशस के पहलवान को जमकर पटका और एक मिनट में मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
सेमीफाइनल में बजरंग का सामना इंग्लैंड के जॉर्ज रैम से हुआ। इस मैच को बजरंग ने तकनीकी दक्षता (विक्ट्री बाय टेक्निकल सुपीरियोरिटी) के आधार पर जीत हासिल की। बजरंग ने जॉर्ज को 10-0 से हराया। तकनीकी दक्षता से जीत तब दी जाती है जब सामने वाला पहलवान एक अंक भी हासिल नहीं कर सके। यह मैच बजरंह ने एक मिनट 31 सेकेंड में जीता।
पुरुषों के 65 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में बजरंग का सामना कनाडा के पहलवान लचलान मैकनील के से था। इस मैच को बजरंग ने 9-2 से जीत लिया। बजरंग ने मैच में कनाडा के पहलवान को पैर से जकड़ा और पटक दिया। इसके अलावा उन्होंने कनेडियन पहलवान को टेकडाउन से भी अंक हासिल किए। यह मैच कुल छह मिनट तक चला था।
बजरंग पूनिया की उपलब्धियां
बजरंग ने अब तक अपने करियर में ओलंपिक में एक पदक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीन पदक, एशियन गेम्स में दो पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते हैं। बजरंग ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वहीं, 2018 बुडापेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। इसके अलावा 2013 बुडापेस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2019 नूर सुल्तान वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया था। बजरंग ने 2018 जकार्ता एशियन गेम्स में स्वर्ण और 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में रजत पदक जीता था। इसके अलावा बजरंग एशियन चैंपियनशिप में दो स्वर्ण (2017, 2019), चार रजत (2014, 2020, 2021, 2022) और दो कांस्य (2013, 2018) पदक जीत चुके हैं। इसके अलावा बजरंग ने 2017 में वर्ल्ड अंडर 23 चैंपियनशिप में रजत जीता था। साथ ही कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में 2016 और 2017 में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।
कुश्ती में भारत को अब तक छह पदक
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में भारत ने अब तक छह पदक जीत लिए हैं। दीपक के अलावा बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं, अंशु मलिक को रजत और दिव्या काकरन-मोहित ग्रेवाल को कांस्य पदक हासिल हुआ। अंशु का यह पहला राष्ट्रमंडल खेल है और उन्होंने रजत से शुरुआत की है। वहीं, दिव्या का यह राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा पदक है। इससे पहले 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी दिव्या ने कांस्य जीता था।

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