भाला फेंक का शीर्ष खिलाड़ी डोपिंग जांच के दायरे में

यह एथलीट लक्ष्य ओलम्पिक पोडियम कार्यक्रम का हिस्सा है
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
भारत के भाला फेंक के एक शीर्ष एथलीट को प्रतियोगिता से इतर डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद अस्थायी रूप से निलम्बित कर दिया गया है और वह राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अनुशासनात्मक पैनल की सुनवाई का इंतजार कर रहा है। 
सूत्रों के अनुसार यह परीक्षण टोक्यो ओलम्पिक के बाद किया गया, जबकि कोई राष्ट्रीय शिविर नहीं चल रहा था। इसकी पहचान उजागर नहीं की गई है, क्योंकि अभी किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने 15 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक शिविर के लिए घोषित एथलीटों की सूची में इस खिलाड़ी का नाम शामिल किया था, लेकिन जब शिविर को इस साल 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया तो उसका नाम हटा दिया गया। 
सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि वह टोक्यो ओलंपिक के समापन और राष्ट्रीय शिविर की शुरुआत से लगभग दो महीने की अवधि के दौरान प्रतियोगिता से इतर परीक्षण में विफल रहा। वह नाडा की सुनवाई लम्बित रहने तक अस्थायी रूप से निलम्बित है।' यह पता चला कि यह एथलीट एशियाई चैंपियनशिप का पदक विजेता और ओलंपियन भी है। यह भी पता चला है यह एथलीट लक्ष्य ओलम्पिक पोडियम कार्यक्रम का हिस्सा है। इस खिलाड़ी के नमूने में कौन सा प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया इसका पता नहीं चला है। उसके नमूने परीक्षण के लिए विदेश भेजे गए थे। इसके नतीजे प्राप्त करने में देरी का यह भी कारण हो सकता है। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) में कोई भी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। इस मामले में नाडा पैनल जल्द ही सुनवाई कर सकता है।

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