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चहल पर भारी चाहर, अनफिट सुंदर पर अश्विन को मौका श्रेयस पर ईशान को तरजीह, धोनी नए अवतार में खेलपथ संवाद नई दिल्ली। अगले महीने यूएई में होने वाले टी-20 वर्ल्ड के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है। 10 नाम तो तय माने जा रहे थे बाकी 5 पर कयास लगाए जा रहे थे। जो 10 नाम तय थे, उनमें से एक युजवेंद्र चहल भी थे। बहरहाल, कागज पर सिलेक्टर्स के दस्तखत हो चुके हैं और घोषित टीम से चहल नदारद हैं। श्रीलंका दौरे पर कप्तान रहे शिखर धवन भी 15 सदस्यीय दल का हिस्सा नहीं हैं। कुछ सवाल उठ रहे हैं। इनमें से एक सवाल कई लोगों के जेहन में है और वो अहम माना जा रहा है और वो ये कि आखिर श्रेयस अय्यर जैसे टी-20 स्पेशलिस्ट बैट्समैन की जगह युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन को चुने जाने की क्या वजह है? यहां हम कुछ और बातों पर भी नजर डालते हैं। सिलेक्टर्स को एक ऑफ स्पिनर तो टीम में रखना ही था। अगर वॉशिंगटन सुंदर फिट होते तो उनका चुना जाना तय था। इसकी वजह यह है कि वो न सिर्फ बेहतरीन फील्डर हैं बल्कि लोअर ऑर्डर में बड़े शॉट्स खेलने का माद्दा भी रखते हैं। बहरहाल, सुंदर के अनफिट होने के चलते सिलेक्टर्स ने एक अनुभवी ऑफ स्पिनर को टीम में जगह दी। इंग्लैंड दौरे पर गए अश्विन इस वक्त प्लेइंग 11 से बाहर हैं। इकलौते स्पिनर के तौर पर जडेजा खेल रहे हैं। यूएई की पिचों के मिजाज को देखते हुए अश्विन लेफ्ट हैंडर्स के खिलाफ काफी कारगर साबित हो सकते हैं। युजवेंद्र चहल पांच साल से शॉर्टर फॉर्मेट में टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं। कुलदीप के साथ उनकी ‘कुलचा’ जोड़ी काफी कामयाब भी रही। बुधवार को घोषित 15 खिलाड़ियों की सूची में ये दोनों ही स्पिनर नहीं हैं। चहल तो 2016 से टीम इंडिया में खेल रहे हैं। 2019 वनडे वर्ल्ड कप की टीम में भी थे। 2018 एशिया कप में शानदार बॉलिंग की थी। टीम में चार स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं। राहुल चाहर, अक्षर पटेल, रविचंद्रन अश्विन और वरुण चक्रवर्ती। गौर से देखें तो ऐसा लगता है कि सिलेक्टर्स ‘वैरायटी इन स्पिन डिपार्टमेंट’ पर फोकस्ड रहे। राहुल रिस्ट स्पिनर हैं और उनके पास अच्छी गुगली है। अक्षर पटेल और क्रुणाल पंड्या के बीच मुकाबला था। अक्षर का पलड़ा इसलिए भारी रहा क्योंकि वे न सिर्फ अच्छे स्पिनर हैं, बल्कि बल्लेबाजी में भी काफी दम रखते हैं। वे तेज और सटीक लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं। फील्डर तो बेहतरीन हैं ही। अश्विन का अनुभव उन्हें बाकी तीनों से अलग करता है। वरुण चक्रवर्ती को उनके मिस्ट्री स्पिनर होने का फायदा मिल सकता है, खासकर यूएई के गर्म वातावरण और स्पिन फ्रेंडली विकेट्स पर। हमारे पास तीन स्पेशलिस्ट पेसर हैं जिनके पास रफ्तार के साथ स्विंग भी शानदार है। टी-20 में रिवर्स स्विंग की गुंजाइश कम रहती है,क्योंकि गेंद ज्यादा पुरानी हो ही नहीं पाती। फिर अगर रिवर्स स्विंग होती है तो इसके लिए रफ्तार मेंडेटरी फैक्टर है और हमारे तीनों गेंदबाजों के पास ये काबिलियत भरपूर है। ये हम इंग्लैंड में देख ही रहे हैं। इसलिए पेस बॉलर्स बिल्कुल सही चुने गए हैं। शिखर धवन पिछले श्रीलंका दौरे पर गई टीम के कप्तान थे। वनडे और टी-20 में लगातार वो ओपनिंग स्लॉट में मौजूद रहे। इस बार वे टीम में नहीं हैं। बुधवार को ही उनके निजी जीवन में भी झटका लगा। वो पत्नी आयशा से अलग हो रहे हैं। हालांकि, ये भी सही है कि हालिया महीनों में उनका फॉर्म भी ऊपर-नीचे होता रहा। अब लगता यही है कि रोहित और राहुल ही ओपन करेंगे। अगर कुछ दिक्कत आई तो ईशान किशन ये रोल भी प्ले कर सकते हैं। बैटिंग ऑर्डर में एक्सपीरिएंस और एग्रेशन दोनों हैं। हालांकि, विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन की जगह स्पेशलिस्ट बैट्समैन श्रेयस अय्यर को भी चुना जा सकता था। अगर किशन को विकेटकीपर बल्लेबाज के रोल के लिए चुना गया तो वहां ऋषभ पंत और लोकेश राहुल पहले ही मौजूद हैं। राहुल अपने हमनाम राहुल द्रविड़ की तर्ज पर कई बार टीम इंडिया के लिए विकेट कीपिंग के जरिए एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जगह बनाते रहे हैं। लिहाजा, ईशान किशन का सिलेक्शन सवाल तो खड़े करता है। हो सकता है कि ईशान किशन के शुरू से बड़े शॉट खेलने की कला के कारण उन्हें जगह दी गई हो। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम के साथ मेंटर के रोल में होंगे। इसका सीधा फायदा टीम इंडिया को होना तय है। टी-20 में नर्व्स कंट्रोल अहम माना जाता है और धोनी को कैप्टन कूल कहा जाता है। 2007 के पहले टी20 वर्ल्ड कप में धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को देकर चौंका दिया था। भारत ने वहां खिताब जीता। अब धोनी नए रोल में होंगे और मैदान से बाहर बैठेंगे। कोहली भी चाहेंगे कि धोनी का गुरुमंत्र हासिल करें और पहली बार एक आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम करें। बहरहाल, टीम घोषित हो गई है और अब किंतु परंतु से बेहतर होगा कि कहा जाए- ऑल द बेस्ट।