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एक हैटट्रिक से टूटी गोल्ड की उम्मीद खेलपथ संवाद नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलम्पिक खेलों में मंगलवार को भारत की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा। उसे बेल्जियम के हाथों 5-2 से करारी हार का सामना पड़ा। ऐसा पहली बार नहीं है, जब बेल्जियम की टीम भारत की राह में रोड़ा बनी है। इससे पहले 2012 में लंदन ओलम्पिक और 2016 रियो ओलम्पिक में भारतीय टीम बेल्जियम से पार नहीं पा सकी थी। बेल्जियम के स्टार स्ट्राइकर एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स टीम इंडिया की जीत के बीच खड़े रहे। उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में शानदार हैटट्रिक लगाई। बेल्जियम ने टोक्यो ओलम्पिक में अब तक कुल 34 गोल दागे हैं। इनमें से 14 गोल तो सिर्फ हेंड्रिक्स के नाम दर्ज हैं। इसमें तीन हैटट्रिक भी शामिल हैं। आइए जानते हैं चार बड़ी वजह, जिससे बेल्जियम भारत पर भारी पड़ा। 1. पिछले पांच मुकाबलों से बेल्जियम ने सबक लिया टोक्यो से पहले भारत ने बेल्जियम को पिछले पांच में से चार भिड़ंत में हराया था। भारतीय टीम ने 2019 में बेल्जियम दौरे पर इस टीम के लिए लगातार तीन मैच जीते थे। इसमें एक मुकाबला भारत ने 5-1 से एकतरफा अंदाज में जीता था। इस सीरीज से बेल्जियम ने सबक लिया और बेहतर प्लानिंग के साथ मैदान में उतरा। 2. ओलम्पिक में भारत के खिलाफ बेल्जियम का शानदार रिकॉर्ड सेमीफाइनल की हार के बाद भारत लगातार तीसरे ओलम्पिक में बेल्जियम से हारा है। सबसे पहले 2012 लंदन ओलम्पिक में बेल्जियम ने भारत को ग्रुप स्टेज में 3-0 से हराया था। इसके बाद भारत ने 2016 में रियो ओलम्पिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। अंतिम-8 के मुकाबले में बेल्जियम ने ही भारत को 3-1 से हराया था। बेल्जियम ने रियो ओलम्पिक में सिल्वर मेडल जीता था। 3. टोक्यो में बेल्जियम ने सबसे ज्यादा गोल किए और बचाए बेल्जियम टोक्यो ओलम्पिक में अब तक सबसे ज्यादा 31 गोल करने वाली टीम है, जबकि इस दौरान उसने सिर्फ 11 गोल ही खाए हैं। इससे साफ है कि बेल्जियम अटैक के साथ डिफेंस में भी माहिर है। यही खूबी उसे दुनिया की सबसे मजबूत टीम बनाती है वहीं, भारत ने अब तक 20 गोल किए हैं और 19 गोल खाए हैं यानी गोल करने और गोल खाने दोनों के मामले में भारत का रिकॉर्ड इस ओलम्पिक में बेल्जियम की तुलना में काफी कमजोर रहा है। 4. नहीं चला श्रीजेश का जादू सेमीफाइनल मुकाबले में भारत के गोलकीपर श्रीजेश का जादू नहीं चला। वह बेल्जियम टीम के 8 गोल शॉट में से सिर्फ 4 शॉट को ही गोल होने से बचा पाए। श्रीजेश बेल्जियम के पांच पेनाल्टी स्ट्रोक में से दो को ही बचा पाए, जबकि फील्ड गोल के दो मौकों में बेल्जियम आसानी से उन्हें धोखा देने में कामयाब रहा। कांस्य के लिए मुकाबला 5 अगस्त को अब टीम इंडिया 5 अगस्त को कांस्य पदक का मैच खेलेगी। इसमें उनका सामना ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में हारने वाली टीम से होगा। यह मुकाबला गुरुवार को भारतीय समयानुसार सुबह सात बजे से खेला जाएगा।