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सांतोसा के लिए छोड़ी जगह नई दिल्ली। भारत को दो ओलम्पिक पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने भारत की ओलम्पिक बैडमिंटन टीम के साथ टोक्यो नहीं जाने का फैसला किया है, ताकि सिंगल्स खिलाड़ी बी साई प्रणीत को कोचिंग दे रहे इंडोनिशयाई आगुस द्वी सांतोसा के लिए जगह बन सके। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने केवल पांच सदस्यीय सहयोगी स्टाफ को ही जाने की अनुमति दी, जिसमें तीन कोच और दो फिजियो शामिल हैं। इसके बाद गोपीचंद ने हटने का फैसला किया। ओलम्पिक की तैयारियों के लिए सिंधू कोरियाई कोच ताई सैंग पार्क के साथ गाचिबाउली इंडोर स्टेडियम में अभ्यास कर रही हैं, जबकि सांतोसा प्रणीत को कोचिंग दे रहे हैं। डेनमार्क के मैथियास बो को चिराग और सात्विक की डबल्स जोड़ी को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनका यह पहला ओलम्पिक होगा। ये चारों बैडमिंटन खिलाड़ी टोक्यो में भारतीय चुनौती पेश करेंगे। भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) के महासचिव अजय सिंघानिया ने कहा, "हमारे पास केवल एक कोटा उपलब्ध था, गोपीचंद ने इसलिए हटने का फैसला किया, ताकि सांतोसा टीम के साथ जा सकें, जो महामारी के समय से ही साई (प्रणीत) को कोचिंग दे रहे हैं।" भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव अजय सिंघानिया ने कहा है, "टोक्यो ओलम्पिक के लिए नौ सदस्यीय बैडमिंटन दल को अंतिम रूप दिया गया है, जिसमें चार योग्य शटलरों के साथ तीन कोच और दो फिजियो शामिल हैं।" महासचिव अजय सिंघानिया ने आगे कहा है, "केवल एक कोटा उपलब्ध होने के कारण पी गोपीचंद ने यह सुनिश्चित करने के लिए ऑप्ट-आउट करने का फैसला किया कि अगुस द्वि संतोसा को समायोजित किया जा सके जो महामारी के बाद से साई प्रणीत के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं।"