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नई दिल्ली।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने उन छह पूर्व और वर्तमान बैडमिंटन खिलाड़ियों को बधाई दी है जिन्होंने इस साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कार जीते हैं। इन सभी खिलाड़ियों को 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर एक वर्चुअल समारोह के दौरान विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। बैडमिंटन में पहली बार छह खिलाड़ियों (पूर्व और मौजूदा) को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
चिराग शेट्टी और सत्विकसाईराज रंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी को अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया है जबकि पूर्व शटलर प्रदीप गांधे, तृप्ति मुर्गुंडे और सत्यप्रकाश तिवारी (पैरा-बैडमिंटन) को खेल में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।पैरा-बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच गौरव खन्ना को द्रोणाचार्य पुरस्कार (नियमित श्रेणी) के लिए चुना गया है। उनकी निगरानी में भारतीय टीम ने विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक के अलावा और भी कई सफलता हासिल की हैं।
बीएआई के सचिव अजय सिंघानिया ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, 'बीएआई और इसके अध्यक्ष हिमंत बिस्व शर्मा की ओर से, मैं ध्यानचंद पुरस्कार के तीन विजेताओं के साथ कोच खन्ना सहित अन्य को बधाई देना चाहूंगा। खन्ना पैरा टीम को नई ऊंचाइयों पर ले गए।' मुंबई के 23 वर्षीय चिराग और अमलापुरम के रहने वाले सत्विक ने 2019 में शानदार सफलता हासिल की। इस जोड़ी ने थाईलैंड ओपन में पहला सुपर 500 खिताब जीता और फिर फ्रेंच ओपन सुपर 750 के फाइनल में पहुंचे। यह भारतीय जोड़ी लगातार बेहतर प्रदर्शन के दम पर विश्व रैंकिंग 10वें स्थान पर पहुंचने में सफल रही।
सिंघानिया ने कहा, 'युवा खिलाड़ियों से हमेशा उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद रहती है। चिराग और सत्विक को अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना शानदार हैं।' उन्होंने कहा, 'वे अपने प्रदर्शन के लिए इस तरह के पुरस्कार के पात्र हैं। मुझे यकीन है कि भारतीय शटलर देश का हौसला बढ़ाते रहेंगे।'
प्रकाश पादुकोण और सैयद मोदी के समकालीन गांधे को 1982 के एशियाई खेलों में युगल कांस्य जीतने के अलावा कोच और बीएआई अधिकारी के रूप में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। दो बार की दक्षिण एशियाई स्वर्ण पदक विजेता मुर्गुंडे को कोर्ट में अपनी शानदार प्रतिभा के लिए जाना जाता था तो वहीं तिवारी ने मान्यता प्राप्त पैरा स्पर्धाओं में नौ अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। सिंघानिया ने कहा, 'ध्यानचंद पुरस्कार पहली बार प्राप्त करना भारतीय बैडमिंटन के लिए एक विशेष क्षण है। इस तरह के सम्मान हमें हमेशा कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।'