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योजना फिलहाल प्रस्ताव स्तर पर, लागत और समय सीमा तय नहीं
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली का प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम अब एक स्पोर्ट्स सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत मौजूदा स्टेडियम को तोड़कर दोबारा बनाया जाएगा ताकि यहां सभी प्रमुख खेलों के लिए सुविधाएं और खिलाड़ियों के ठहरने के लिए आवासीय परिसर तैयार किए जा सकें।
मंत्रालय के सूत्र के अनुसार, यह योजना फिलहाल प्रस्ताव स्तर पर है, इसलिए अभी इसकी लागत और समय सीमा तय नहीं की गई है। सूत्र ने बताया, 'स्टेडियम को तोड़ा जाएगा। इसके अंदर मौजूद सभी दफ्तर जैसे नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा), नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (एनडीटीएल) और आयकर विभाग को परियोजना शुरू होने पर अन्य जगह स्थानांतरित किया जाएगा।' मंत्रालय का मानना है कि फिलहाल स्टेडियम की 102 एकड़ जमीन का उपयोग उसकी पूरी क्षमता के अनुसार नहीं हो रहा है।
नया स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट सुनिश्चित करेगा कि यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं, खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की सुविधाएं, एथलीट्स के रहने की व्यवस्था और यहां तक कि मनोरंजन से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित हो सकें। वर्तमान में स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का मुख्यालय और सरकार की 'खेलो इंडिया' परियोजना का दफ्तर भी स्थित है। सूत्रों के मुताबिक, यह परियोजना कई मंत्रालयों, विशेषकर शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से पूरी होगी। इसलिए इसके तुरंत शुरू होने की सम्भावना कम है। अधिकारी ने कहा, 'यह फिलहाल एक विचार है, लेकिन मंत्रालय इस दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ना चाहता है।'
कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटीज के तर्ज पर तैयार हो रहा प्रोजेक्ट
मंत्रालय ने कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटीज का अध्ययन शुरू कर दिया है ताकि उनके आधार पर दिल्ली में योजना बनाई जा सके। खेल मंत्री मनसुख मांडविया हाल ही में दोहा गए थे, जहां उन्होंने वहां की स्पोर्ट्स सिटी का दौरा किया। दोहा की स्पोर्ट्स सिटी 617 एकड़ में फैली है, जिसमें फुटबॉल, तैराकी और 13 इनडोर खेलों की सुविधाएं हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न डॉकलैंड्स स्टेडियम में क्रिकेट, फुटबॉल, रग्बी और अन्य खेल आयोजित किए जा सकते हैं। भारत में भी अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एक उदाहरण है, जो 250 एकड़ में फैला है और लगभग 4600 करोड़ रुपये की लागत से बना है। सूत्र ने कहा, 'दिल्ली का यह प्रोजेक्ट भी बड़े पैमाने पर होगा। इससे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की पुरानी और जर्जर संरचना को पूरी तरह नया रूप मिलेगा।'