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प्रमुख सचिव खेल उत्तर प्रदेश मनीष चौहान को दी जानकारी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्रालय किसी कॉलेज को डिग्री-डिप्लोमा प्रदान करने की अनुमति नहीं देता है। यह काम यूजीसी और एआईसीटीई जैसे संस्थानों का है। खेल मंत्रालय यूजीसी के दिशानिर्देशों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के तहत खेल से संबंधित डिग्री (जैसे बीएससी स्पोर्ट्स साइंस, बीबीए स्पोर्ट्स मैनेजमेंट) और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को मान्यता प्रदान करता है।
यूजीसी और एआईसीटीई देश में उच्च शिक्षा के मानकों को विनियमित करती हैं और डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को मान्यता देती हैं। खेल मंत्रालय की भूमिका खेलों को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों के विकास और खेल संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है। हालांकि यह डिग्री-डिप्लोमा देने के लिए अधिकृत नहीं है, यह खेल पाठ्यक्रम और संस्थानों का समर्थन कर सकता है। कोई भी युवा भारतीय खेल मंत्रालय के तहत मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में खेल विज्ञान, खेल प्रबंधन और अन्य खेल-संबंधित विषयों में डिग्री और डिप्लोमा कर सकता है।
केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय के सचिव रंजन राव ने यह जानकारी प्रमुख सचिव खेल उत्तर प्रदेश मनीष चौहान द्वारा तीन जून, 2025 को पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में दी है। 20 जून, 2025 को भेजे अपने पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि खेल विभाग भारत सरकार किसी भी खेल से सम्बन्धित संस्थानों को पाठ्यक्रम, डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र आदि के लिए मान्यता प्रदान नहीं करता है और खेल विभाग द्वारा ऐसे संस्थानों की कोई सूची नहीं रखी जाती है।
सचिव हरि रंजन राव ने बताया कि वर्तमान में केन्द्रीय खेल मंत्रालय के तत्वावधान में केवल चार संस्थान नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान पटियाला, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय त्रिवेन्द्रम और राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय इम्फाल खेल कोचिंग, शारीरिक शिक्षा आदि से सम्बन्धित पाठ्यक्रम संचालित करते हैं और पूरा होने पर डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र प्रदान करते हैं।