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यह खिताबी जीत 1983 में मिली सफलता की तरह
खेलपथ संवाद
नवी मुम्बई। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में दो नवम्बर 2025 को इतिहास रचा गया। बारिश के कारण महिला वनडे विश्व कप 2025 का फाइनल मुकाबला दो घंटे देरी से शुरू हुआ। लगातार इंतजार के बाद आखिरकार जब टॉस हुआ तो दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। ये वही स्टेडियम है जहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड चेज करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। इन सब के बीच भारतीय महिला टीम ने शानदार जज्बा दिखाते हुए दक्षिण अफ्रीका को हराया और 52 वर्षों का खिताबी सूखा समाप्त कर दिया।
भारत की यह जीत 1983 में कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय पुरुष टीम की सफलता की तरह है। तब भारत को कोई विश्व विजेता नहीं मान रहा था। उस वक्त भी भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा था और आज महिला टीम की सफलता पर भी प्रशंसकों में उतनी ही खुशी है। भारतीय महिला टीम के लिए ये सफर आसान नहीं था। एक समय तो ऐसा भी था जब टीम को दावेदार भी नहीं माना जा रहा था। भारतीय टीम इस दौरान दो मौकों पर फाइनल में भी पहुंची, लेकिन उसे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के हाथों पराजय झेलनी पड़ी। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली टीम के पास अपनी धरती पर खिताबी सूखा समाप्त करने का ये अच्छा मौका था और इस टीम को इस अवसर को अच्छी तरह भुनाया।
भारतीय महिला टीम का वनडे या टी20 विश्व कप में अब तक सफर कैसा रहा, इस पर आने से पहले ये जानना जरूरी है कि इस टीम ने मौजूदा टूर्नामेंट में किस तरह प्रदर्शन किया। दिलचस्प बात ये है कि टीम को ग्रुप चरण में लगातार तीन हार का सामना करना पड़ा था, इसके बावजूद टीम ने सेमीफाइनल की उम्मीद नहीं छोड़ी थी। भारत ने महिला विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत सह मेजबान श्रीलंका को बारिश से बाधित मुकाबले में 59 रनों से हराकर की। इसके बाद उसने अगले मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 88 रनों से हराया। लगातार दो जीत के बाद भारतीय अभियान को उस वक्त झटका लगा जब उसने हार की हैट्रिक लगाई और उस वक्त लगा कि कहीं भारत का सफर ग्रुप चरण में ही न थम जाए।
भारत को पहले इसी दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ तीन विकेट से हार मिली जिसके खिलाफ उसने रविवार को फाइनल खेला। फिर टीम को ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट से और इंग्लैंड ने चार रन हराया। भारत के लिए अब न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच जीतना बहुत अहम था। दोनों ही टीमों के लिए यह मैच वर्चुअल नॉकआउट की तरह था, लेकिन भारतीय टीम ने स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल की शानदार पारियों से न्यूजीलैंड के सामने विशाल लक्ष्य रखा और बारिश से बाधित मुकाबले में डीएलएस के जरिये 53 रनों से जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारतीय टीम का ग्रुप चरण का अगला मैच बांग्लादेश से था, लेकिन बारिश के कारण ये मुकाबला धुल गया। फिर टीम ने सेमीफाइनल में सात बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर बाहर का रास्ता दिखाया था।
आइए अब जानते हैं पिछले कई वर्षों में भारतीय महिला टीम का वनडे और टी20 विश्व कप में सफर कैसा रहा। किस तरह हरमनप्रीत ने वो कर दिखाया जो डायना एडुल्जी और मिताली राज भी नहीं कर सकी थीं...
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप में भारतीय महिला टीम का सफर
1973: आईसीसी महिला वनडे विश्व कप का पहला संस्करण इंग्लैंड में खेला गया था, लेकिन भारतीय टीम ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
1978: भारत ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी की, लेकिन अपने पहले विश्व कप में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और सफर ग्रुप चरण में ही थम गया।
1982: न्यूजीलैंड की मेजबानी में हुए उस टूर्नामेंट में भारत ने विश्व कप की अपनी पहली जीत दर्ज की और एडुल्जी के नेतृत्व में दम दिखाने की कोशिश की, लेकिन यहां भी टीम ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ सकी।
1988: महिला विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में हुआ, लेकिन भारतीय टीम इसका हिस्सा नहीं थी।
1993: भारत इंग्लैंड में हुए इस टूर्नामेंट में राउंड रॉबिन स्टेज में चौथे स्थान पर रहा। उस वक्त तक विश्व कप में टीम का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
1997: भारत ने दूसरी बार इस वैश्विक खेल की मेजबानी की और सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल हुई जहां उसे ऑस्ट्रेलिया से हार मिली।
2000: भारत ने न्यूजीलैंड में खेले गए इस टूर्नामेंट में एक बार फिर सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन वहां उसे न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली।
2005: भारत ने दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में हुए टूर्नामेंट में पहली बार खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। मिताली की अगुआई वाली टीम को हालांकि, ऑस्ट्रेलिया से हार मिली।
2009: अपने पहले खिताब की तलाश में उतरी भारतीय टीम को तीसरे स्थान के प्लेऑफ में ऑस्ट्रेलिया से हार मिली।
2013: भारत ने तीसरी बार विश्व कप की मेजबानी की, लेकिन इस बार टीम सुपर छह चरण में भी नहीं पहुंच सकी और चार टीमों के ग्रुप ए में सबसे आखिरी स्थान पर रही।
2017: भारत ने दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई, लेकिन इस बार भी मिताली राज की अगुआई वाली टीम चैंपियन नहीं बन सकी और उसे लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल में इंग्लैंड से हार मिली।
2022: न्यूजीलैंड की मेजबानी में हुए विश्व क में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी थी। भारत राउंड रॉबिन प्रारूप में खेले गए टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रही थी।
2025: खुद की मेजबानी में दक्षिण अफ्रीका को हराकर खत्म किया वर्षों का इंतजार।
टी20 विश्व कप में भारतीय महिला टीम का सफर
2009: सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार।
2010: सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हराया।
2012: ग्रुप चरण में सफर समाप्त।
2014: ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ सकी टीम।
2016: ग्रप चरण की बाधा पार नहीं कर भारतीय टीम।
2018: सेमीफाइनल में पहुंची, लेकिन इंग्लैंड से मिली हार।
2020: पहली बार फाइनल में पहुंची, लेकिन खिताबी मैच में हारकर उपविजेता रही।
2023: सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारी।
2024: ग्रुप चरण में ही थम गया सफर।