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'उन्हें समझदारी से टूर्नामेंट चुनने होंगे'
खेलपथ संवाद
मुम्बई। भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी और लंदन ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल का मानना है कि पीवी सिंधू को अब टूर्नामेंट चुनने में समझदारी दिखानी होगी। जैसे-जैसे सिंधू 30 की उम्र में पहुंच रही हैं, लगातार हर टूर्नामेंट खेलने का दबाव उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। साइना ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि एक निश्चित उम्र के बाद आप अच्छा नहीं कर सकते। यह निश्चित रूप से सम्भव है, लेकिन आपको उन टूर्नामेंटों पर ध्यान देना होगा जिनमें आप अच्छा करना चाहते हैं।'
साइना का कहना है कि रैंकिंग बनाए रखने के लिए सभी टूर्नामेंट खेलना थकाऊ हो सकता है। उन्होंने कहा, 'आप सभी टूर्नामेंटों में अच्छा नहीं कर सकते क्योंकि यह मुश्किल होता है। इस उम्र में जब आप अपनी रैंकिंग बनाए रखने के लिए लगातार इतने सारे टूर्नामेंट खेल रहे होते हैं तो जाहिर है आपको एक निश्चित दौर तक तो पहुंचना ही होगा।'
साइना का मानना है कि सिंधू को बड़े टूर्नामेंट जैसे विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई चैम्पियनशिप को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर आप जीतना चाहते हैं जैसे विश्व चैम्पियनशिप या एशियाई चैम्पियनशिप तो आपको उन टूर्नामेंटों में पूरी ताकत लगानी होगी।' साइना ने यह भी बताया कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर की रिकवरी पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि 28-29 साल की उम्र के बाद शरीर की उबरने की क्षमता काफी धीमी होती है। निश्चित रूप से आपको बहुत कड़ी ट्रेनिंग करनी होगी, लेकिन पांच दिनों तक हर दिन जोर लगाना आसान नहीं है।'
2024-25 का साल सिंधू के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि कई टूर्नामेंटों में वह पहले या दूसरे राउंड में हार गईं। हालांकि, हाल ही में उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर बेहतर प्रदर्शन के संकेत दिए। साइना ने कहा, 'अगले कुछ टूर्नामेंटों में देखते हैं उसका प्रदर्शन कैसा रहता है क्योंकि विश्व चैम्पियनशिप के बाद उसने अच्छा प्रदर्शन किया है।' साइना ने कहा, 'आप नहीं जानते कि चीजें कब बदल जाएंगी क्योंकि वह एक अनुभवी खिलाड़ी हैं। वह जानती हैं कि टूर्नामेंट कैसे जीते जाते हैं। कभी-कभी एक निश्चित उम्र के बाद शरीर के लिए मुश्किलें आती हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि वह अच्छा कर सकती हैं।'