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मां के समर्पण से फौलादी तलवारबाज बनी हरियाणा की बिटिया
खेलपथ संवाद
हल्द्वानी। पिता का साया उठने के बाद बेटी ने एशियन फेंसिंग में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाकर कीर्तिमान रच दिया। मां के समर्पण और संघर्ष से ही साधारण परिवार की तलवारबाज साक्षी कपूर गोल्डन गर्ल बन पाई। साक्षी का सपना ओलम्पिक में भी भारत को पदक दिलाना है।
गौलापार के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में चल रहे एशियन कैडेट कप (अंडर-17) के दूसरे दिन शनिवार को हरियाणा के फरीदाबाद निवासी साक्षी कपूर ने शानदार खेल का प्रदर्शन कर प्रतिद्वंद्वी हमवतन खिलाड़ी गजल को पराजित कर लोहा मनवाया। साक्षी ने बताया कि का दो साल पहले उसके पिता का निधन हो गया था। तब परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा था। उसने अपने भाई के साथ जैसे-तैसे मां को संभाला।
साक्षी की मां सुनीता कपूर प्राइवेट स्कूल में एकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं। साक्षी का कहना था कि मां ने खेल के फील्ड में हर कदम पर मेरा साथ दिया। खेल के मैदान में आने वाली हर चुनौती से लड़ने के लिए तैयार किया। साक्षी कक्षा 11वीं में पढ़ती हैं और उनका छोटा भाई भी फेंसिंग खेलता है। साक्षी का अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में यह पहला गोल्ड मेडल है। इससे पहले वह अगस्त में गौलापार में ही हुई नेशनल फेंसिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं। उनका लक्ष्य ओलम्पिक में पदक जीतना है। बतौर साक्षी मां और कोच के मार्गदर्शन से वह यहां तक पहुंची हैं। उत्तराखंड का मौसम और यहां की वादियां उन्हें बेहद पसंद है। तलवारबाज सीए भवानी देवी और फ्रांस के ओलगा उनकी रोल मॉडल हैं। साक्षी करीब पांच वर्ष से फेंसिंग खेल रही हैं।