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तोमन कुमार ने भी साधा स्वर्ण पदक पर निशाना
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। 18 साल की भारतीय तीरंदाज शीतल देवी ने इतिहास रच दिया। बिना हाथों के खेलने वाली इस भारतीय खिलाड़ी ने पैरावर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया। शीतल ने तुर्किये की विश्व नंबर 1 ओजनुर क्योर गिरदी को 146-143 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की। शीतल देवी इस प्रतियोगिता में एकमात्र ऐसी खिलाड़ी थीं जो अपने पैरों और ठुड्डी का इस्तेमाल कर तीर चलाती हैं। यह इस चैंपियनशिप में उनका तीसरा पदक था।
इसके अलावा तोमन कुमार ने कंपाउंड पुरुष वर्ग का खिताब अपने नाम किया। एक अन्य भारतीय राकेश कुमार को तकनीकी दिक्कत के कारण हटने के लिए बाध्य होना पड़ा जिससे वह फाइनल में 20-40 से हार गए। पेरिस पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता राकेश को धनुष में ‘पुली’ की समस्या के कारण चार शॉट के बाद हटना पड़ा। इससे विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू कर रहे तोमन ने चार सटीक तीर के साथ खिताब अपने नाम कर लिया।
शीतल ने इससे पहले कंपाउंड मिक्स्ड टीम स्पर्धा में तोमन कुमार के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता था। भारतीय जोड़ी ने ग्रेट ब्रिटेन की जोड़ी जोडी ग्रिनहैम और नाथन मैकक्वीन को 152-149 से हराया। महिला कंपाउंड ओपन टीम स्पर्धा में शीतल और सरिता की जोड़ी को फाइनल में तुर्की से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। व्यक्तिगत फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। पहला राउंड 29-29 से बराबर रहा, लेकिन शीतल ने दूसरे राउंड में लगातार तीन 10 मारते हुए बढ़त हासिल की और 30-27 से राउंड जीता।
तीसरा राउंड फिर बराबर 29-29 पर छूटा। चौथे राउंड में शीतल से हल्की चूक हुई और उन्होंने 28 अंक बनाए, जबकि गिरदी ने एक अंक से यह राउंड जीता। हालांकि, शीतल अभी भी 116-114 से दो अंकों की बढ़त पर थीं। शीतल ने अंतिम राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लगातार तीन परफेक्ट 10 मारकर 30 अंक बनाए और गोल्ड मेडल पक्का किया। यह उनका पहला व्यक्तिगत विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक है। सेमीफाइनल में जम्मू-कश्मीर की इस खिलाड़ी ने ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहैम को 145-140 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। यह फाइनल मुकाबला 2023 पिलसेन वर्ल्ड चैंपियनशिप का रीमैच था, जहां गिरदी ने शीतल को 140-138 से हराया था। इस बार शीटल ने बदला लेते हुए जीत हासिल की।
ओपन टीम फाइनल में शीतल और सरिता की जोड़ी ने शुरुआत दमदार की थी। भारतीय जोड़ी ने पहले राउंड में तुर्किये की जोड़ी ओजनुर क्योर गिरदी और बुर्सा फात्मा उन को 38-37 से पछाड़ दिया। लेकिन दूसरे राउंड में तुर्किये की जोड़ी ने वापसी की और स्कोर 76-76 से बराबर कर दिया। तीसरे राउंड में भारतीय जोड़ी दबाव में आ गई और केवल 36 अंक बना सकी, जबकि तुर्किये ने 37 अंक लेकर बढ़त हासिल कर ली। अंतिम राउंड में तुर्किये की जोड़ी ने लगभग परफेक्ट स्कोर 39/40 बनाया। भारतीय टीम केवल 36 अंक बना सकी, जिसमें एक तीर 7-रिंग में लगा। इस तरह तुर्किये ने चार अंकों के अंतर से स्वर्ण पदक अपने नाम किया।