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शतरंज से लेकर क्रिकेट तक खेलों में दिखा भारत का दम
राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष
ग्वालियर। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर देश में हर साल 29 अगस्त को खेल दिवस मनाया जाता है। ध्यानचंद की 120वीं जयंती से पहले भारतीय खिलाड़ियों ने विश्व पटल पर तिरंगा लहराया। भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने तीसरी बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीती जबकि डी गुकेश सबसे युवा विश्व शतरंज चैम्पियन बने। वहीं, महिला शतरंज विश्व खिताब दिव्या देशमुख ने अपने नाम किया। इसके अलावा पुरुष और महिला टीमों ने शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीते। भारतीय खिलाड़ियों के इन प्रदर्शनों ने इस बार का राष्ट्रीय खेल दिवस ऐतिहासिक बना दिया।
पुरुषों और महिलाओं ने शतरंज ओलंपियाड में जीता स्वर्ण
भारत की महिला और पुरुष टीमों ने बुडापेस्ट में हुए शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। महिला टीम में हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव शामिल थीं। वहीं, पुरुष टीम ने ओपन वर्ग में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय पुरुष टीम में गुकेश, प्रज्ञानंद, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती, पेंटाला हरिकृष्णा और श्रीनाथ नारायणन (कप्तान) शामिल थे।
सबसे युवा विश्व शतरंज चैम्पियन बने गुकेश, 18 की उम्र में रच डाला इतिहास
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने 12 दिसंबर (गुरुवार) को विश्व शतरंज चैंपियनशिप के 14वें और अंतिम दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। लिरेन को हराकर वह सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने इतिहास रच दिया। 6.5 अंको के साथ खेल की शुरुआत हुई थी।
अंतिम मैच भी ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी लिरेन की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई। भारतीय युवा स्टार ने लिरेन को 7.5-6-5 से हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया। 12 साल के बाद किसी भारतीय ने इस खिताब पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की।
भारत ने तीसरी बार जीता चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब; फाइनल में कीवियों को हराया
भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल (नौ मार्च-रविवार) में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया है। यह भारत का लगातार दूसरा आईसीसी टूर्नामेंट खिताब है। इससे पहले 2024 में टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप जीता था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने सात विकेट गंवाकर 50 ओवर में 251 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने 49 ओवर में छह विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
रोहित ने कप्तानी पारी खेली। उन्होंने 76 रन बनाकर भारत को मुश्किल से निकाला। यह भारत की सातवीं आईसीसी ट्रॉफी है। इससे पहले टीम 1983 और 2011 वनडे विश्व कप, 2007 और 2024 टी20 विश्व कप और 2002, 2013 और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीत चुकी है। भारत इस पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहा। उसने लगातार पांच मैच जीते। ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को हराने के बाद सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और फाइनल में फिर से कीवियों को हराया।
दिव्या देशमुख ने जीता महिला शतरंज विश्व खिताब विजेता
दिव्या देशमुख ने इस साल 28 जुलाई (सोमवार) को ग्रैंडमास्टर और हमवतन कोनेरू हम्पी को हराकर महिला शतरंज विश्व कप का फाइनल मुकाबला जीत लिया। कोनेरू हम्पी के पास वापसी का एक छोटा सा मौका था, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सकीं और दिव्या ने काले मोहरों पर एक शानदार जीत दर्ज की।नौ दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या ने पांच साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है।