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राष्ट्रीय खेलों के 121 पदक विजेता भी पुरस्कृत
प्रशिक्षक व लाइफ टाइम अचीवमेंट विजेता को दो-दो लाख रुपये
खेलपथ संवाद
भोपाल। खेल के क्षेत्र में अपने कौशल से मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले 26 खिलाड़ियों को मंगलवार को राजधानी रवीन्द्र भवन में शिखर खेल अलंकरण से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने करतल ध्वनि के बीच खिलाड़ियों को शिखर खेल अलंकरण प्रदान किए। इस दौरान इस साल उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेता 121 खिलाड़ियों को भी आर्थिक प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया गया।
रवीन्द्र भवन के खचाखच भरे हाल में कोई अपने माता-पिता के साथ आया तो कोई अपने भाई-बहन के साथ। कुछ खिलाड़ी अभ्यास और अन्य कारण से कार्यक्रम में नहीं आ पाए तो उनका सम्मान उनके माता-पिता ने प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने मंच से प्रदेश के खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की।
विक्रम पुरस्कार, विश्वामित्र पुरस्कार विजेता प्रशिक्षक व लाइफ टाइम अचीवमेंट विजेता को को दो-दो लाख रुपये तथा स्मृति चिह्न तथा एकलव्य सम्मान प्राप्त खिलाड़ियों को एक एक लाख रुपये व स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खेलमंत्री विश्वास सारंग ने की। इस मौके पर खेल विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह, संचालक राकेश गुप्ता, उप सचिव अजय श्रीवास्तव और संयुक्त संचालक बीएस यादव मौजूद रहे।
इन्हें मिला पुरस्कार
एकलव्य पुरस्कार: रितुराज बुंदेला शूटिंग, भूमि बघेल कयाकिंग-कैनोइंग (स्लालम), कृष्णा मिश्रा स्क्वैश, पूजा दांगी फेंसिंग, प्रभाकर सिंह राजावत रोइंग, नेहा ठाकुर सेलिंग, प्रखर जोशी तैराकी, अर्जुन वास्कले एथलेटिक्स, प्रियांशी प्रजापति कुश्ती, अंकित पाल हॉकी और गौरव पचौरी पॉवरलिफ्टिंग।
विक्रम पुरस्कार: ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर शूटिंग, जान्हवी श्रीवास्तव कयाकिंग एवं कैनोइंग, रागिनी मार्को तीरंदाजी, शिवानी पंवार कुश्ती, श्रुति यादव बाक्सिंग, यामिनी मौर्य जूडो, सचिन भार्गो खो-खो, नीलू डांडिया हॉकी, प्रवीण कुमार दवे सॉफ्टबाल, रुबीना फ्रांसिस शूटिंग (दिव्यांग श्रेणी) और अपूर्व दुबे पॉवरलिफ्टिंग।
विश्वामित्र पुरस्कार: पीजूष कांती बारोई कयाकिंग एवं कैनोइंग, अशोक कुमार यादव तीरंदाजी और लोकेन्द्र शर्मा हॉकी।
पर्वतारोही भावना के विक्रम पुरस्कार पर रोक
पर्वतारोही भावना डेहरिया को विक्रम पुरस्कार देने की घोषणा हुई थी। उस पर आपत्ति के बाद उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने स्थगन दे दिया है। इसकी वजह से उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया गया। भावना अपने पति व बेटे के साथ कार्यक्रम में आई थीं। खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हम न्यायालय का पूरा सम्मान करते हैं, इसलिए पुरस्कार नहीं दिया।