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पहली पारी में 150+ रन से पिछड़ने के बाद महज दो मैच ही जीत पाया भारत
खेलपथ संवाद
मैनचेस्टर। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर में जारी है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में सात विकेट पर 544 रन बना लिए हैं और भारत के खिलाफ अपनी पकड़ काफी मजबूत कर ली है। भारतीय टीम की पहली पारी 358 रन पर सिमटी थी, जिससे इंग्लैंड की कुल बढ़त अब 186 रन की हो गई है।
भारत पर जब-जब विपक्षी टीमों ने पहली पारी में 150+ रन की बढ़त हासिल की है, उन मैचों में टीम इंडिया का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। ऐसे में 127 टेस्ट में से भारतीय टीम सिर्फ दो मैच जीत पाई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टीम इंडिया मैनचेस्टर में वापसी कर पाएगी? क्या मैनचेस्टर में भारतीय टीम अपना पहला टेस्ट जीतकर इतिहास रच पाएगी?
भारत के खिलाफ अब तक 127 टेस्ट में ऐसा हुआ है जब विपक्षी टीम ने पहली पारी में 150 या उससे ज्यादा रन की बढ़त हासिल की है। इनमें से टीम इंडिया ने दो जीते हैं, जबकि 93 टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। 32 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं। इस समीकरण में भारत का जीत प्रतिशत 1.57 का है। ऐसे में टीम इंडिया चाहेगी कि इंग्लैंड को चौथे दिन जल्द से जल्द समेटा जाए और पारी से हार को टाला जाए। साथ ही अच्छी बढ़त हासिल कर इंग्लैंड को ट्रैप किया जाए। टेस्ट में दो दिन बचे हैं और पांचवें दिन बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा।
इंग्लैंड ने 544 रन बना लिए हैं। पिछली बार टीम इंडिया के खिलाफ विदेशी जमीन पर किसी विपक्षी ने 500+ रन 2015 में बनाया था। तब सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में सात विकेट पर 572 रन बनाए थे। इसके बाद सिर्फ इंग्लैंड ही ऐसी टीम रही है, जिसने भारत के खिलाफ तीन 500+ रन बनाए हैं। हालांकि, इस टेस्ट मैच से पहले पिछले दो 500+ रन भारतीय सरजमीं पर आए हैं। इंग्लैंड ने 2016 में राजकोट टेस्ट में 537 रन और 2021 में चेन्नई टेस्ट में 578 रन बनाए थे।
जो रूट ने 38वां टेस्ट शतक जड़ा। उन्होंने 150 रन की पारी खेली। रूट ने अपनी इस यादगार पारी के दौरान ओली पोप (71) के साथ तीसरे विकेट के लिए 144 और बेन स्टोक्स के साथ 142 रन की साझेदारी की। रूट ने अपनी 248 गेंद की शानदार पारी के दौरान 14 चौके लगाने के साथ कई रिकॉर्ड अपने नाम किये। वह 120 के व्यक्तिगत स्कोर पर पहुंचते ही ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग (13378) को पछाड़कर टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर आ गये। अपना 157वां टेस्ट खेल रहे 34 साल के रूट ने दिन के पहले सत्र में सबसे ज्यादा टेस्ट रन के मामले में भारतीय दिग्गज राहुल द्रविड़ (13288 रन) और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महान हरफनमौला जैक कैलिस (13289 रन) को पीछे छोड़ा। वह अब सिर्फ भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (15921 रन) से पीछे हैं।
भारत के खिलाफ 2012 में नागपुर टेस्ट डेब्यू करने वाले रूट ने इस देश के खिलाफ अपना 12वां शतक जड़कर एक और रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ के भारत के खिलाफ 11 टेस्ट शतक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। रूट के टेस्ट करियर का यह 38वां शतक हैं। वह खेल के सबसे लंबे प्रारूप में शतक बनाने वालों की सूची में श्रीलंका के पूर्व दिग्गज कुमार संगकारा के साथ चौथे स्थान पर आ गए हैं। इस सूची में उनसे आगे तेंदुलकर (51), जैक कैलिस (45) और पोंटिंग (41) हैं। भारतीय गेंदबाजों पर थकान का असर साफ दिख रहा था। बुमराह (95 रन पर एक विकेट) 130 के आस-पास की गति से गेंदबाजी कर रहे थे, जबकि अंशुल कंबोज भी प्रभावित करने में नाकाम रहे। मोहम्मद सिराज (113 रन पर एक विकेट) ने दमखम से गेंदबाजी की, लेकिन किस्मत का साथ नहीं मिला।
रूट के अलावा जैक क्राउली ने 84 रन, बेन डकेट ने 94 रन और ओली पोप ने 71 रन की पारी खेली। शीर्ष चार के रन बनाने के बाद मध्यक्रम लड़खड़ा गया। हैरी ब्रूक तीन रन और जेमी स्मिथ नौ रन बनाकर आउट हुए। क्रिस वोक्स चार रन बना सके। फिलहाल कप्तान बेन स्टोक्स 77 रन और लियाम डॉसन 21 रन बनाकर नाबाद हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इंग्लैंड के आठ से 11 नंबर के बल्लेबाजों के पास भारत के शीर्ष चार बल्लेबाजों से ज्यादा फर्स्ट क्लास रन हैं। इनमें डॉसन, वोक्स, ब्रायडन कार्स और जोफ्रा आर्चर शामिल हैं। इनमें से डॉसन ने अकेले प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।