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सुपरिंटेंडेट की बेटी बनी वर्ल्ड नंबर-1 जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी
खेलपथ संवाद
होशियारपुर (पंजाब)। पंजाब की गोल्डन गर्ल तन्वी शर्मा बैडमिंटन में जूनियर वर्ल्ड नम्बर 1 बन गई हैं। उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन सर्किट में हलचल मच गई। पंजाब के होशियारपुर की 16 वर्षीय तन्वी शर्मा बीडब्ल्यूएफ सुपर 300 यूएस ओपन 2025 में महिला एकल वर्ग में उपविजेता रहीं।
यूएस ओपन में तन्वी का शानदार प्रदर्शन उनके उभरते कॅरिअर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। क्योंकि विश्व में 66वें स्थान पर काबिज यह युवा भारतीय शटलर जूनियर विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी बन गई है और विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में शीर्ष 50 में शामिल हो गई है। तन्वी ने बीडब्ल्यूएफ सुपर 300 में अपने निडर अभियान से वैश्विक बैडमिंटन समुदाय को चकित कर दिया था, जिसमें विश्व की 23वें नंबर की खिलाड़ी सहित कई उच्च रैंक वाली प्रतिद्वंद्वियों को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। उसकी सफलता से अभिभूत उसकी मां और कोच मीना शर्मा ने कहा कि यह सबसे खुशी के क्षणों में से एक है और वह अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं ढूंढ़ पा रहीं।
कैलिफोर्निया में आयोजित चैम्पियनशिप मुकाबले में तन्वी को टूर्नामेंट की शीर्ष वरीय और संयुक्त राज्य अमेरिका की ओलम्पियन बेइवेन झांग के खिलाफ तीन गेम तक चले कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिशों के बावजूद, वह तीसरा सेट 10-21 से हार गई और रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
उसने कहा कि वह फाइनल के दौरान कोर्ट पर थोड़ी नर्वस थी और उसने कई गलतियां कीं, जिसके कारण उसे फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। अब वह अपनी गलतियों पर काम करते हुए उनमें सुधार करना चाहती है और अगले महीने होने वाली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में पदक जीतने का लक्ष्य रखती है। तन्वी आज रात अमेरिका से उड़ान भरेगी और गुवाहाटी में भारतीय बैडमिंटन टीम के शिविर में शामिल होगी। टीम अगले महीने इंडोनेशिया में होने वाली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाग लेगी।
पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण ले रही तन्वी
तन्वी का इस अंतरराष्ट्रीय पटल तक का सफर प्रेरणादायक रहा है। उसने छह साल की छोटी सी उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था और शुरू से ही उसमें प्रतिभा दिखाई देने लगी थी। उसने प्रतिष्ठित पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में चार साल से अधिक समय तक प्रशिक्षण लिया, जहां उसने भारत के कुछ शीर्ष शटलरों के साथ अपने कौशल को निखारा। उसकी मां, जो उसकी कोच भी हैं, ने उसके खेल को आकार देने और उसकी प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तन्वी के पिता विकास शर्मा, जो होशियारपुर में एडीसी कार्यालय में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, ने अपनी खुशी और गर्व व्यक्त किया। तन्वी ने हम सभी को गौरवान्वित किया है। मात्र 16 वर्ष की उम्र में उसे विश्वस्तरीय प्रतिद्वंद्वियों के साथ इतने आत्मविश्वास और परिपक्वता के साथ खेलते देखना हमारे परिवार और भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उससे फोन पर बात की है, वह बहुत खुश है और हम भी बहुत खुश है।