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काली मिट्टी से तैयार की गई है विकेट खेलपथ संवाद लखनऊ। इकाना स्टेडियम में 24 फरवरी को भारत और श्रीलंका की टीम आमने-सामने होंगी। इसके लिए दोनों ही टीमें लखनऊ पहुंच गई हैं। अभ्यास सत्र में जमकर पसीना बहा रही हैं। मंगलवार को जहां भारतीय टीम ने दोपहर में, तो वहीं श्रीलंकाई टीम ने देर शाम दूधिया रोशनी में अभ्यास किया। इस दौरान दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों ने पिच के साथ-साथ ग्राउंड के मिजाज को भी परखा। बता दें कि भारतीय टीम यहां वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मुकाबला खेल चुकी है। वहीं, श्रीलंकाई टीम यहां पहला मुकाबला खेलेगी। इकाना स्टेडियम में पिच नंबर चार पर यह मुकाबला खेला जाएगा, जो बीच की विकेट है। लगभग हर तरफ की बाउंड्री बराबर होगी, जो कि गेंदबाजों के मुफीद है भी और नहीं भी। विकेट से ग्राउंड एक साइड लंबी होने पर टी-20 क्रिकेट में कई बार गेंदबाजी बल्लेबाज को उस एरिया में शॉट मारने के लिए मजबूर करते हैं और उसे पवेलियन भेज देते हैं। कई बार दूसरे एरिया में गेंदबाजों को मार भी पड़ती है। ग्राउंड का हर ओर बराबर होना बल्लेबाजी के पक्ष में होता नजर आ रहा है। इकाना स्टेडियम की पिच नंबर चार को काली मिट्टी से तैयार किया गया है, जिसके चलते विकेट में सामान्य उछाल की संभावना जताई जा रही है। इससे गेंद आसानी से बल्ले पर आएगी और बल्लेबाजी को आसानी होगी। बल्लेबाज अपना असर छोड़ते नजर आएंगे। वहीं, स्पिन गेंदबाजों को भी बाउंस के चलते काफी हद तक फायदा मिल सकता है। जैसा कि दोनों टीमों के अभ्यास सत्र के दौरान भी नजर आया। दोनों ही टीम के बल्लेबाजों ने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ नेट पर जमकर प्रैक्टिस की। इकाना स्टेडियम की आउट फील्ड को भी मैच के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया है। हालांकि, यहां आउट फील्ड पर प्रैक्टिस विकेट तो नहीं हैं जिससे फील्डरों को काफी आसानी होगी। लेकिन इसके तेज होने के चलते काफी चुनौती भी होगी। विकेट में सामान्य उछाल और तेज आउट फील्ड चलते यहां हाई स्कोरिंग मैच होने की संभावना जताई जा रही है। आउट फील्ड को देखते हुए श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने आउट फील्ड पर फील्डिंग का जमकर अभ्यास किया। काली मिट्टी की विकेट होने के चलते यहां दूसरी इनिंग में स्पिन गेंदबाजी हावी हो सकते हैं, लेकिन ड्यू इसमें सबसे बड़ी बाधक बनेगी। वहीं, तेज आउट फील्ड पर यह फिल्डरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।