उत्तराखंड की बेटियों ने क्रिकेट में रचा इतिहास

अंडर-19 वूमेन टीम ने मध्यप्रदेश को हराकर जीती बोर्ड ट्रॉफी
खेलपथ संवाद
हल्द्वानी।
‘जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं।’ इस बात को उत्तराखंड की बेटियों ने जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में मध्य प्रदेश को आठ विकेट से हराकर सच साबित कर दिखाया। इस जीत की पटकथा एक बार फिर रामनगर की नीलम ने अपनी बल्लेबाजी से लिखी। नीलम ने नाबाद 56 रनों की पारी खेली।
मध्यप्रदेश के खिलाफ उत्तराखंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। मध्यप्रदेश की सलामी जोड़ी ने सधी हुई शुरुआत करते हुए स्कोर 40 के पार पहुंचाया। कप्तान पूजा ने गेंदबाजी साक्षी को सौंपी तो उन्होंने नैनी को बोल्ड करके उत्तराखंड को पहली सफलता दिलाई। अगले ओवर में साक्षी की गेंद पर कल्याणी ने क्रीज से आगे निकलकर खेलने की कोशिश की तो नंदिनी ने उन्हें स्टंप आउट किया। अगले ही ओवर में कप्तान पूजा ने अनुष्का को विकेट के पीछे कैच आउट कराकर मध्य प्रदेश को 52 रन के योग पर तीसरा झटका दिया। 
इसके बाद तो विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। मध्यप्रदेश के महज चार बैटर ही दहाई की संख्या छू सके और पूरी टीम 102 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। पूजा ने तीन विकेट, साक्षी, राघवी और ज्योति ने दो-दो जबकि मिनाक्षी ने एक विकेट लिया। 103 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी उत्तराखंड की सलामी जोड़ी फिर जल्द ही टूट गई। शगुन महज पांच रन बनाकर उन्नति की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गईं। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आई राघवी बगैर खाता खोले पवेलियन लौट गईं। 19 रन के योग पर दो विकेट गिरने पर संघर्ष कर रही टीम के लिए एक बार फिर रामनगर की नीलम खेवनहार साबित हुईं और ज्योति के साथ टीम को जीत दिला दी। ज्योति ने नाबाद 26 रनों की पारी, जबकि नीलम ने नाबाद 56 रनों की पारी खेली।
उत्तराखंड की टीम का सफर आसान नहीं था। एलीट ग्रुप डी में शामिल उत्तराखंड की बेटियों के शुरुआती चार मैच बारिश से धुल गए तो लगा टीम का अगले दौर में पहुंचना मुश्किल है, क्योंकि अंतिम मुकाबला सौराष्ट्र की टीम से था जो उत्तराखंड की अपेक्षा मजबूत समझी जा रही थी। इस मैच में उत्तराखंड ने सौराष्ट्र को 39 रनों पर ढेर कर दिया। नौ विकेट से मैच जीतकर और रनगति के आधार पर उत्तराखंड प्वाइंट टेबल पर शीर्ष पर पहुंच गई। इसकी वजह से टीम को क्वार्टर फाइनल में सीधे प्रवेश मिल गया। अधिकतर क्रिकेटप्रेमी इस जीत को तुक्का समझ रहे थे। क्वार्टर फाइनल में बेटियों ने पंजाब और सेमीफाइनल में आंध्रप्रदेश की टीम को पटखनी दी तो उत्तराखंड के खेलप्रेमियों को समझ में आया म्यर चेलीं कै हैं बेर कम न्हैति (हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं) 
उत्तराखंड की बेटियों के जीत के पीछे कोच, मैनेजर समेत पूरा सपोर्टिंग स्टाफ ने जमकर मेहनत की। कोच अनघा देश पांडेय ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सबसे पहले तो लड़कियों को कैंप की वजह से फायदा मिला, जिसका क्रेडिट पूरी तरह से सीएयू के सचिव महिम वर्मा सर को जाता है। उनकी वजह से बंगलूरू में मैच मिलने से लड़कियों की जहां बेहतर तैयारी हुई वहीं टीम के बीच कोऑर्डिनेशन भी बेहतर हुआ। टीम मैनेजर मंजू भंडारी, फीजियो मिनाक्षी नेगी और ट्रेनर अपूर्वा नदकर्णी ने बेहतरीन काम किया है। टीम मैनेजर ने भी लड़कियों के भीतर आत्मविश्वास को जगाया और सीएयू के पदाधिकारी भी बीच-बीच में बेटियों को बेहतर करने के लिए उत्साहित करते रहे। बेटियों की जीत में सचिव महिम वर्मा ने एसोसिएशन की ओर से टीम को इनाम देने की घोषणा की है। 
जयपुर से जीत की खबर आते ही हल्द्वानी से लेकर देहरादून तक क्रिकेट प्रशंसकों की खुशी का ठिकाना नहीं था। किसी ने सोशल मीडिया तो किसी ने फोन करके एक दूसरे को बधाई दी। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के देहरादून कार्यालय से लेकर सभी जिला क्रिकेट एसोसिएशन में केक काटकर जश्न मनाया गया। देहरादून में क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव महिम वर्मा, अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला और संरक्षक पीसी वर्मा, एएस नैनवाल, ऑपरेशन मैनेजर अमित पांडे ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई। उपाध्यक्ष संजय रावत, सहसचिव अविनाश वर्मा, संजय गुंसाई, रोहित चौहान समेत पूरी एसोसिएशन ने बेटियों की कामयाबी का जश्न मनाया। इधर पिथौरागढ़ में उमेश चंद्र जोशी, नैनीताल में कर्यावाहक कोषाध्यक्ष दीपक मेहरा, कमल पपनै समेत सभी ने केक काटकर बेटियों को जीत की बधाई दी। 

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