नौ उपलब्धियों से टोक्यो में लहराया तिरंगा

पैरालम्पिक खेलों में भारत की गौरवगाथा 
भारतीय एथलीट्स ने दो नए पैरालम्पिक रिकॉर्ड बनाए
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो में 13 दिन तक चले पैरा खेलों के महाकुंभ में भारत ने पांच स्वर्ण पदक समेत कुल 19 पदक जीते। यही नहीं भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो में कई उपलब्धियां और कीर्तिमान भी बनाए। इन खेलों में कई गुमनाम खिलाड़ियों ने अपने पराक्रम से नई इबारत लिखी।
जापान की राजधानी टोक्यो में एक साल के इंतजार के बाद आयोजित हुए पैरालम्पिक खेल भारत के लिए कई मायनों में यादगार बन गए। भारत ने इस बार अपना अभी तक का सबसे बड़ा दल भेजा था। इस बार देश से नौ विभिन्न खेलों में रिकॉर्ड 54 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। 13 दिन तक चले पैरा खेलों के महाकुंभ में भारत ने पांच स्वर्ण, आठ रजत तथा छह कांस्य पदक जीते।
पदक तालिका में सर्वाधिक पदकों के साथ चीन 207 पदकों (96 गोल्ड, 60 सिल्वर और 51 ब्रॉन्ज) शीर्ष पर रहा। जबकि दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमशः ग्रेट ब्रिटेन (41 गोल्ड, 38 सिल्वर और 45 ब्रॉन्ज, कुल 124 पदक) और अमेरिका (37 गोल्ड, 36 सिल्वर और 31 ब्रॉन्ज, कुल 104 पदक) हैं। 
भारत ने अभी तक का अपना सर्वश्रेठ प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 19 पदक जीते जो उसके पैरालम्पिक खेलों के इतिहास में सर्वाधिक हैं। 
पदक तालिका में भारत 24वें स्थान पर रहा। यह भारत का किसी भी पैरालम्पिक खेलों में अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंक है। 
इस बार भारतीय खिलाड़ी सुमित अंतिल ने भाला फेंक में नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जबकि निशानेबाजी में अवनि लेखरा ने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। 
भारतीय एथलीट्स ने दो नए पैरालम्पिक रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। 
भारत को पहली बार पैरा निशानेबाजी में दो स्वर्ण पदक मिले। इसमें अवनि लेखरा और मनीष नरवाल मेडलिस्ट रहे। 
भारत को पहली बार पैरा टेबल टेनिस में रजत पदक मिला। भाविना पटेल ने यह कमाल किया और रजत पदक अपने नाम किया।
भारत को पहली बार पैरा तीरंदाजी में पदक मिला। हरविंदर सिंह ने यहां कांस्य पदक पर कब्जा किया।
पहली बार भारत को पैरा बैडमिंटन में दो गोल्ड मिले। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने यह कमाल किया और स्वर्ण पदक जीते।  
निशानेबाज अवनि लेखरा पैरालम्पिक खेलों के एक सत्र में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने यहां स्वर्ण और कांस्य पदक जीते।

रिलेटेड पोस्ट्स