कप्तान बदलते ही बदल गई उत्तराखंड क्रिकेट की किस्मत

विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह 
देहरादून।
पूर्व कोच वसीम जाफर के साथ हुए विवाद को पीछे छोड़ टीम उत्तराखंड ने विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है। प्रतियोगिता में टीम ने पांचों मुकाबले बड़े अंतर से अपने नाम किए। विवाद के बावजूद पूरी टीम एकजुट नजर आई। जाफर के कोच रहते टीम ने सैयद मुश्ताक ट्रॉफी में हिस्सा लिया था, जिसमें पांच में से केवल एक मुकाबले में टीम को जीत नसीब हुई थी। 
विजय हजारे ट्राफी में उत्तराखंड ने पहले मुकाबले में मेघालय को छह विकेट, दूसरे मुकाबले में मणिपुर को सात विकेट, तीसरे मुकाबले में अरुणाचल प्रदेश को आठ विकेट, मिजोरम को आठ विकेट और सिक्किम को 145 रनों के अंतर से हराया है। जबकि जाफर के कोच रहने के दौरान सैयद मुश्ताक ट्रॉफी में उत्तराखंड ने पांच मुकाबले खेले, जिसमें टीम को केवल एक जीत मिली। वडोदरा में खेले गए पहले मुकाबले में बड़ौदा ने उत्तराखंड को पांच रनों से शिकस्त दी।
दूसरे मुकाबले में गुजरात ने 73 रनों के बड़े अंतर से हराया। तीसरे मुकाबले में उत्तराखंड को टूर्नामेंट की पहली और एकमात्र जीत मिली। जब टीम ने महाराष्ट्र को छह विकेट से हरा दिया। हिमाचल के खिलाफ उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहद लचर रहा और टीम को 10 विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी। प्रतियोगिता में अपने अंतिम मुकाबले में उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के बीच मुकाबला सुपर ओवर तक पहुंच गया। सुपर ओवर में छत्तीसगढ़ ने 15 रन बनाए जबकि उत्तराखंड की टीम महज तीन रन ही बना सकी। 
कप्तान बदलते ही उत्तराखंड टीम की किस्मत भी बदल गई। सैयद मुश्ताक ट्रॉफी में कप्तान इकबाल अब्दुला के फैसलों को लेकर भी खूब सवाल उठे और विशेषज्ञों ने उन्हें भी हार का कारण माना। बड़ौदा के खिलाफ नजदीकी मुकाबले में टीम जब जीतने की स्थिति में थी, तब कप्तान इकबाल अब्दुला कुणाल जैसे स्पेशलिस्ट बल्लेबाज से पहले खुद बल्लेबाजी के लिए उतर आए। टीम इस मुकाबले को पांच रनों के अंतर से हार गई। ऐसा ही उन्होंने दूसरे मुकाबले में भी किया और गुजरात के खिलाफ भी बल्लेबाजों को बैठाकर खुद मैदान में उतर आए। टीम इस मुकाबले को 73 रनों के बड़े अंतर से हार गई। हालांकि सीएयू ने इस बार कुणाल चंदेला पर बतौर कप्तान भरोसा जताया, जिसमें वो अब तक खरे भी उतरे हैं। 
फॉर्मेट और मैदान बदलने से भी आया अंतर
सीएयू टीम के प्रदर्शन में अंतर के कारणों में फॉर्मेट और मैदान में बदलाव भी शामिल है। सैयद मुश्ताक ट्रॉफी जहां टी-20 फॉर्मेट में थी, वहीं विजय हजारे में 50-50 ओवर के मुकाबले हुए। वड़ोदरा से चेन्नई जाने के साथ टीम का प्रदर्शन भी बदल गया। इसके अलावा यहां टीम प्लेट ग्रुप में शामिल थी, जहां अपेक्षाकृत कमजोर टीमें हैं। सीएयू सचिव महिम वर्मा ने कहा कि टीम ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया है, जिसकी सभी ने सराहना की है।

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