दर्द के बाद भी पदक दर पदक जीतते रहे शरत कमल

लॉकडाउन में बीसीसीआई के पूर्व ट्रेनर से कराया पैर की उंगली का इलाज
खेलपथ प्रतिनिधि
पंचकूला।
भारतीय टेबल टेनिस टीम टोक्यो ओलम्पिक के लिए भले ही क्वालीफाई नहीं कर पाई हो, लेकिन देश के सबसे अनुभवी पैडलर अचंत शरत कमल 38 साल की उम्र में अपना चौथा ओलम्पिक खेलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। यही कारण है कि कोरोना के दौर में एक साल से कोई टूर्नामेंट नहीं खेलने के बावजूद उन्होंने वह किया जो पिछले 15 सालों में कोई दूसरा नहीं कर पाया। 
शरत ने खुलासा किया कि वह 15 सालों से पैर की उंगली के दर्द से जूझ रहे हैं। इस दर्द के साथ ही उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के चार स्वर्ण और एशियाई खेलों में दो कांस्य जीते, लेकिन लॉकडाउन में उन्होंने अपने को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए न सिर्फ योग का सहारा लिया बल्कि पैर की उंगली के दर्द से निजात पाने के लिए बीसीसीआई के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवास की सेवाएं लेकर अपनी फिजिकल बायोमेकेनिक्स करा डाली। शरत के मुताबिक उन्हें राहत मिली है और इसका असर अगले माह दोहा में होने जा रही विश्व और एशियाई क्वालीफाइंग में देखने को मिलेगा।
विश्व रैंकिंग में 32वें स्थान पर मौजूद शरत के मुताबिक रामजी ने उनके पूरे शरीर की फीजियो एनालिसिस की और जाना किस मांसपेशी पर कितना असर पड़ रहा है। इसी से उनकी पैर की अंगुली पर पड़ रहे भार का पता लगा। अपने 10वें राष्ट्रीय खिताब के लिए पंचकुला आए शरत कहते हैं कि यहां टूर्नामेंट उनके लिए ही नहीं बल्कि क्वालिफाइंग खेलने जा रहे जी साथियन, हरमीत देसाई, मनिका बत्रा, सुथीर्था मुखर्जी और अर्चना कामथ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अगर शरत अपनी इस विश्व रैंकिंग को कायम रखते हैं तो एक जून को जारी होने वाली ओलंपिक क्वालिफाइंग रैंकिंग में उन्हें आसानी से जगह मिल जाएगी। हालांकि उससे पहले विश्व और एशियाई क्वालिफाइंग में उन्हें क्वार्टर फाइनल से लेकर सेमीफाइनल का सफर तय करना होगा। शरत का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि दोहा में वह उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के सलाहकार धनराज चौधरी के मुताबिक टेबल टेनिस टीम 25 फरवरी से दोहा रवाना हो रही है। यहां दो रैंकिंग टूर्नामेंट खेलने के बाद टीम पहले विश्व और बाद में एशियाई क्वालीफाइंग खेलेगी। शरत, साथियन और अन्य खिलाड़ियों की मांग पर यहां दोहा जैसा माहौल रखा गया है। दोहा में प्रयोग लाई जाने वाले टेबल के अलावा डीएचएस डीजे 40 गेंदों का प्रयोग हो रहा है।
शरत ने सीधे गेम में पहली बाधा की पार
तमिलनाडु के अपने ही साथी अभिनय विजय बाबू को सीधे चार गेम 11-8, 11-4, 11-6, 11-2 से हराने के बाद शरत ने कहा कि वह लंबे समय बाद जरूर खेल रहे हैं, लेकिन उन्हें पहले मैच में लंबे समय बाद खेलने का अहसास नहीं हुआ। पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन एंथोनी अमलराज को सौम्यदीप सरकार पर जीत हासिल करने के लिए पसीना बहाना पड़ा। उन्होंने 12-10, 7-11, 7-11, 11-8, 11-9, 9-11, 14-12 से जीत हासिल कर तीसरे दौर में जगह बनाई। हरियाणा के लिए खेल रहे सौम्यजीत घोष ने तेलंगाना के अली मोहम्मद को 6-11, 6-11, 11-6,11-8, 11-6, 11-5 से हराया। गत विजेता हरमीत देसाई ने यशांश मलिक को 11-13, 11-3, 11-7, 11-6, 11-0 से हराया। जी सथियन ने मिजोरम के एच जेहो को 11-9, 11-13, 11-7, 11-3, 11-4 से परास्त किया।

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