रायबरेली की बेटी सुधा सिंह को नहीं थी पद्मश्री की उम्मीद

अब मैराथन में टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना चाहती हैं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार माना
खेलपथ प्रतिनिधि
बेंगलूरु।
दुनिया भर में हिन्दुस्तान का गौरव बढ़ाने वाली उत्तर प्रदेश के रायबरेली की बेटी सुधा सिंह खुद को पद्मश्री का हकदार मानती हैं लेकिन इस साल इस पुरस्कार विजेताओं की सूची में जब उनका नाम आया तो वह इससे हैरान थीं। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने लम्बी दूरी की अनुभवी धाविका 34 साल की सुधा को इस साल के पुरस्कारों के लिए नामित किया था।
सुधा ने बताया कि मुझे जब यह खबर मिली कि मुझे पद्मश्री के लिए चुना गया है तो मैं थोड़ी हैरान थी। मैं इसकी हकदार थी लेकिन कभी नहीं पता होता कि आपको यह मिलेगा या नहीं। मुझे नामित करने के लिए मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की आभारी हूं। बेंगलूरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में ट्रेनिंग कर रही सुधा ने कहा, '2005 में कांस्य पदक जीतने के बाद से मैंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक हासिल किए हैं। मुझे लगता है कि यह पुरस्कार पिछले 15 साल में मेरी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।' उन्होंने कहा, 'मैंने जब अपना एथलेटिक्स करियर शुरू किया तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन पद्मश्री मिलेगा। यह शानदार सफर रहा।'
सुधा ने दो ओलम्पिक, तीन एशियाई खेल, दो विश्व चैम्पियनशिप और चार एशियाई चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया है। उन्होंने अधिकतर 3000 मीटर स्टीपलचेज में हिस्सा लिया। इस स्पर्धा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी उनके नाम रहा जिसे बाद में ललिता बाबर ने तोड़ा। सुधा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक रहा। उन्होंने 2018 खेलों में इसी स्पर्धा का रजत पदक जीता। इस धावक ने 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण के अलावा तीन रजत पदक (2009, 2011 और 2013) भी जीते।
सुधा ने अपने अधिकतर अंतरराष्ट्रीय पदक 3000 मीटर स्टीपलचेज में जीते लेकिन उनकी नजरें मैराथन के जरिए तीसरे ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर टिकी हैं। वह 2015 विश्व चैम्पियनशिप की मैराथन स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'मैं मैराथन के जरिए टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना चाहती हूं, जहां तक ओलम्पिक क्वालीफिकेशन का सवाल है तो 3000 मीटर स्टीपलचेज अब मेरी प्राथमिकता नहीं है। मैं मार्च में नई दिल्ली मैराथन में हिस्सा लूंगी और वहां ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश करूंगी।'
सुधा 28 फरवरी को होने वाली मुंबई मैराथन में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ना चाहती हैं। सुधा अब मिल्खा सिंह, अंजू बॉबी जॉर्ज और पीटी ऊषा जैसे ट्रैक एवं फील्ड के एलीट खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गई हैं, जिन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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