बेटियां अपने अन्दर की चिंगारी को जलाएं

श्रीप्रकाश शुक्ला
मथुरा। गुड इवनिंग प्यारे बच्चों। आपके चेहरे की मुस्कान बताती है कि आप अपनी प्रतिभा का शानदार आगाज करेंगे जोकि बिल्कुल लीक से हटकर होगा। मुझे आपके अन्दर कुछ स्पार्क नजर आ रहा है। सच कहें तो जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है, उसमें स्पार्क कम होता जाता है। ऐसे लोग जिनमें ये चिंगारी बिल्कुल ही खत्म हो जाती है वह मायूस और लक्ष्यरहित हो जाता है। हर इंसान की जिन्दगी में ऐसे कुछ ही दिन आते हैं जब वह सच-मुच बहुत खुश होता है। मुझे पूरा भरोसा है कि आप जिंदादिली से अपने अंतह की चिंगारी को न केवल प्रज्वलित करेंगे बल्कि कार्यक्रम की गरिमा को भी चार चांद लगाएंगे।
बच्चों अपने अंतह के स्पार्क को दीपक की लौ की तरह प्रज्वलित कीजिए। उसे न केवल ईंधन दीजिए बल्कि उसे आंधी-तूफान से भी बचाकर रखिए। सफलता के लिए न केवल अपने लक्ष्य निर्धारित करें बल्कि सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश भी करें। हम जानते हैं कि यहां उपस्थित छात्र-छात्राओं में अधिकतर बच्चे मिडिल क्लास फेमिली से ताल्लुक रखते हैं। उनके सामने करियर को लेकर छटपटाहट है। आज के समय में हर क्षेत्र में करियर है। बच्चों सुधार का नाम ही जिन्दगी है। जब आप अपने आप में सुधार की कोशिश करते हैं तब आपके पैरेंट्स ही नहीं आपसे शिक्षक भी स्नेह करने लगते हैं। अगर मेहनत से पढ़ें तो आप अपनी रैंक सुधार सकते हैं। बच्चों प्रकृति ने हमें अनेकों जींस के संयोग और विभिन्न परिस्थितियों के हिसाब से डिजाइन किया है। खुश रहने के लिए हमें इसे स्वीकारना होगा और प्रकृति की इस डिजाइन का अधिक से अधिक लाभ उठाना होगा। ऐसा करने में आपके लक्ष्य आपकी मदद करेंगे।
प्यारे बच्चों जिन्दगी एक कठिन रेस है। जिन्दगी नर्सरी स्कूल में होने वाली उस रेस की तरह है जिसमें आप चम्मच में रखे मार्बल को अपने मुंह में दबा कर दौड़ते हैं। अगर मार्बल गिर जाये तो दौड़ में पहला स्थान हासिल करने का कोई अर्थ नहीं रह जाता, ऐसा ही जिन्दगी के साथ है जहां सेहत और रिश्ते उस मार्बल का प्रतीक हैं। आपका प्रयास तभी सार्थक है, जब वह आपके जीवन में सामंजस्य लाए वरना आपके अंतह की चिंगारी धीरे-धीरे बुझने लगेगी।
बच्चों जिन्दगी में निराशा, कुंठा, अन्याय और कामचोरी से हमेशा बचें क्योंकि ये चारों तूफान आपके अंतह की चिंगारी को कभी भी बुझा सकते हैं। निराशा तब होती है जब आपके प्रयत्न आपको मनचाहा परिणाम नहीं देते, जब चीजें आपके प्लान के मुताबिक नहीं होतीं तब आप असफल हो जाते हैं। बच्चों नाकामयाबी का सामना करना हमेशा कठिन होता है लेकिन जो इस पर जीत हासिल कर लेता है वह और भी मजबूत होकर निकलता है। बच्चों चुनौतियों से हमेशा पार पाया जा सकता तो चुनौतियाँ चुनौतियाँ नहीं रह जातीं।
याद रखिये, अगर आप किसी चीज में असफल हो रहे हैं, तो इसका मतलब आपके प्रयासों में कहीं न कहीं कमी रह जाना है। कभी-कभी चीजें इतना वक्त लेती हैं कि आपको पता ही नहीं चलता कि आपने अपने लिए सही लक्ष्य निर्धारित किये हैं। हमारे पास जो है हमें उसके लिए अहसानमंद होना चाहिए और जो नहीं है उसे स्वीकारने की हमारे अन्दर शक्ति होनी चाहिए। बच्चों अपने अन्दर की चिंगारी को कभी बुझने मत दीजिये।
मैं एक बार फिर आपका आपके जीवन के सबसे अच्छे समय में स्वागत करता हूँ। सच कहें तो आज अगर कोई मुझे समय में वापस जाने का आप्शन दे तो निश्चित रूप से मैं आपके साथ पढ़ना चाहूंगा। मैं उम्मीद करता हूं कि आप अपने अन्दर की चिंगारी को सिर्फ यहीं नहीं बल्कि भविष्य में भी जिन्दा रखेंगे। मैं आशा करता हूँ कि सिर्फ आप ही नहीं बल्कि पूरा देश इस चिंगारी को जिन्दा रखेगा क्योंकि इतिहास में किसी भी और पल से ज्यादा अब इसकी जरूरत है।
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