डोपिंग पर सजा देने को बन रहा कानून

तीन से छह महीने में सरकार देगी अंतिम रूप
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा कि सरकार ‘डोपिंग के वास्तविक स्रोतों’ को सजा देने के लिए अगले तीन से छह महीने में कानून को अंतिम रूप देने पर काम कर रही है। अग्रवाल का यह बयान उस समय आया है जब भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने ‘खेलों में डोपिंग निरोधक, पोषक और उपचारात्मक जरूरतों’ पर राष्ट्रीय वेबिनार के दौरान खिलाड़ियों द्वारा डोपिंग के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने के लिए ‘किसी तरह के कानून’ की जरूरत पर बात की।
अग्रवाल ने ‘वास्तविक स्रोतों’ के बारे में विस्तृत तौर पर कुछ भी बताए बिना कहा, 'खेल सचिव ने कहा है कि कानून पर काम चल रहा है। तीन से छह महीने में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा जिससे कि खिलाड़ी की नहीं बल्कि इस समस्या के संपूर्ण और वास्तविक स्रोतों की पहचान की जा सके और सजा दी जा सके।'
सरकार और नाडा डोपिंग रोधी कानून पर काम कर रहे थे जिसमें संगठित डोपिंग सिंडिकेट में संलिप्त खिलाड़ियों के लिए सजा का प्रस्ताव था लेकिन बाद में खिलाड़ियों के आपराधिक आरोपी बनाए जाने को हटा दिया गया। बत्रा ने उन लोगों की जिम्मेदारी तय करने की बात की जो पर्दे के पीछे से खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे हैं।
आईओए प्रमुख ने कहा, 'किसी तरह का कानून बनाए जाने की जरूरत है। अब तक सिर्फ खिलाड़ियों को सजा दी जाती है लेकिन उन पर दबाव बनाने वाले खुले घूम रहे हैं... हमें उनके प्रति जिम्मेदारी तक करने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है।'
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने अग्रवाल से अपील की कि एथलीटों के डोप परीक्षण में इजाफा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के लिए जाने वाले खिलाड़ियों को देश से रवाना होने से पहले डोप परीक्षण में पाक साफ होना चाहिए। उन्होंने कहा ,'टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल पूरी तरह से पाक साफ होना चाहिए। देश से रवाना होने से पहले उन सभी का परीक्षण होना चाहिए। मैं भारत के डोपिंग के अपराधीकरण और इसके लिए कानून बनाने की वकालत करता रहा हूं।'

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