राष्ट्रीय शिविरों में खिलाड़ियों को ट्यूशन पढ़ाने की योजना खटाई में

खेलों के साथ नहीं चली गणित व विज्ञान की पाठशाला
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
राष्ट्रीय खेल शिविरों में खिलाड़ियों को ट्यूशन पढ़ाने की योजना पर पलीता लग गया है। ओलम्पिक, एशियाई और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारियों के साथ राष्ट्रीय शिविर में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी की ट्यूशन की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। किसी भी खिलाड़ी ने अब तक इन विषयों की पढ़ाई के लिए न तो ट्यूटर की मांग की और न ही किसी खेल संघ ने ट्यूटर लगवाने को कोई कदम उठाया। 
खेल मंत्रालय ने इन विषयों की पढ़ाई के लिए 15 हजार रुपये प्रतिमाह का खर्च निर्धारित किया था। पिछले वर्ष सभी राष्ट्रीय खेल संघों की तैयारियों और कम्पटीशन का वार्षिक कैलेंडर तैयार करने के दौरान खेल मंत्रालय के तत्कालीन सचिव राधेश्याम जुलानिया ने खिलाड़ियों की इन तीन विषयों में शिक्षा पर जोर देने को कहा था। ट्यूटर लगाने की जिम्मेदारी संबंधित खेल संघ और साई की थी। यह योजना गर्मियों में लगने वाले 90 और गर्मियों के अलावा 45 दिन के शिविर में लागू होनी थी। लॉकडाउन से पहले मार्च तक किसी खिलाड़ी ने ट्यूटर की मांग नहीं की। अब जो भी ओलम्पिक की तैयारियों के शिविर चल रहे हैं, उनमें भी यह मांग नहीं की गई है।  
खेल संघों का कहना है कि खेलों के साथ पढ़ाई खिलाड़ियों को करनी है। जब वह मांग करेंगे तो उसे जरूर पूरा किया जाएगा। साई के एक अधिकारी का कहना है कि सीनियर शिविर में खिलाड़ियों ने रुचि नहीं दिखाई है, लेकिन नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (एनसीओई) में आने वाले खिलाड़ियों को पढ़ाया जा रहा है। शूटर सौरभ चौधरी, बॉक्सर दीपक भोरिया और गोल्फर शुभंकर शर्मा जैसे कई खिलाड़ी टूर्नामेंट की तैयारियों के लिए अपनी परीक्षाएं छोड़ चुके हैं।

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