अब योग की होंगी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप

बाबा रामदेव समेत कई हस्तियां योगासन को दिलाएंगी खेल का दर्जा
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
योग में शामिल योगासन जल्द ही नया खेल बनने जा रहे हैं। जिम्नास्टिक की तर्ज पर योगासनों के करतब दिखाने पर राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक बरसेंगे। खेल का नाम योग नहीं बल्कि योगासन होगा। बाबा रामदेव के संरक्षण में इंडियन योग एसोसिएशन ने आयुष मंत्रालय, मोरारजी देसाई योग संस्थान के साथ मिलकर योग के योगासन को खेल का दर्जा दिलाने का बीड़ा उठाया है। इन सभी ने इस संबंध में खेल मंत्री किरेन रिजिजू से बातचीत कर प्रस्ताव भी रखा दिया है। खेल मंत्रालय के कहने पर बाबा रामदेव की अगुआई में योगासन की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल संघ बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
इंडियन योग एसोसिएशन में बाबा रामदेव के अलावा प्रणव पांड्या, श्री श्री रविशंकर, सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी, स्वामी चिदानंद सरस्वती जैसी हस्तियां शामिल हैं। योगासन को खेल का दर्जा दिलाने की जिम्मेदारी इसी एसोसिएशन को सौंपी गई है। जिसमें आयुष मंत्रालय और मोरारजी देसाई संस्थान उनकी मदद कर रहे हैं। योगासन को खेल बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि एक तो युवाओं का इसका बड़ा फायदा होगा। एक बार खेल बनने के बाद इनमें पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी संस्थानों में नौकरी का अवसर मिलेगा। पहले इनकी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप कराई जाएंगी, इसके बाद इनकी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी।
हालांकि पहले भी योग को एक बार खेल मंत्रालय की ओर से खेल का दर्जा दिया जा चुका है, लेकिन योग का दायरा काफी बड़ा होने पर यह संभव नहीं हो सका। इसके बाद खेल मंत्रालय ने योग से खेल का दर्जा छीन लिया, लेकिन इस बार योग के अंग सिर्फ योगासन को खेल बनाकर इसके नियम बनाए जा रहे हैं। आयुष मंत्रालय के सचिव डॉ. राजेश कोटेचा कहते हैं कि योगासन को खेल का दर्जा दिलाने के लिए खेल मंत्रालय से बातचीत जारी है। योगासन के खेल बनने पर देश के युवाओं को बड़ा लाभ पहुंचेगा। पहले इन्हें नेशनल गेम्स में शामिल कराया जा सकता है। इसके बाद इनकी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होंगी। अंत में इन्हें एशियाई खेल और ओलम्पिक तक जाने की कोशिश की जाएगी।

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