राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं न होने से खिलाड़ी असमंजस में

अभी तक नहीं हुई सब जूनियर, जूनियर व सीनियर चैम्पियनशिप
अहम है नेशनल का प्रमाण पत्र  
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
कोरोना और राष्ट्रीय खेल संघों पर लगे प्रतिबंध के चलते किसी भी राष्ट्रीय खेल संघ ने अब तक साल 2020 की नेशनल चैम्पियनशिप नहीं करवाई है। इसका खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। खिलाड़ी खेल संघों से सब जूनियर, जूनियर और सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप कराने की गुहार लगा रहे हैं वहीं खेल संघ कह रहे हैं जब तक खेल मंत्रालय की मान्यता और चैम्पियनशिप के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के दिशा-निर्देश जारी नहीं किए जाते हैं तब यह सम्भव नहीं है।
भारोत्तोलन और कुश्ती संघ को छोड़ सभी खेल संघों की खेल मंत्रालय से मान्यता रद्द है। ऐसे में चैम्पियनशिप के आयोजन के लिए मंत्रालय से मिलनी वाली 22 लाख रुपये (पांच सीनियर, सात जूनियर और 10 लाख सब जूनियर के लिए) की सहायता भी नहीं मिल सकती है।
खिलाड़ी के लिए नेशनल में जीते गए पदक का प्रमाण पत्र अहम है। इससे न सिर्फ कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमीशन कोटा मिलता है बल्कि नौकरी में भी लाभ मिलता है। कई एंट्रेंस परीक्षाओं में भी इसका लाभ मिलता है। यही कारण है कि खिलाड़ी चैम्पियनशिप के आयोजन की गुहार लगा रहे हैं। यही नहीं हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य नेशनल में पदक जीतने पर खिलाड़ियों को मोटा कैश अवार्ड देते हैं।
कुश्ती संघ, निशानेबाजी संघ, बॉक्सिंग फेडरेशन और वुशू एसोसिएशन ने दिसम्बर में नेशनल कराने की तैयारी कर रखी है, लेकिन काफी कुछ खेल संघों की मान्यता बहाली पर निर्भर करेगा। वुशू एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल सुहेल अहमद कहते हैं कि मान्यता मिलने से मंत्रालय की सहायता राशि मिल जाएगी। तब नेशनल का आयोजन सम्भव है वहीं भारोत्तोलन संघ के सेक्रेेटरी जनरल सहदेव यादव कहते हैं कि सरकार की ओर से नेशनल चैम्पियनशिप के आयोजन के लिए दिशा-निर्देश जारी नहीं होने तक चैम्पियनशिप नहीं होगी।

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