ललित मोदी के दिमाग की उपज थी इंडियन प्रीमियर लीग

ललित मोदी ने बीसीसीआई को आईपीएल से दूर रहने को कहा
दुबई।
इंडियन प्रीमियर लीग या यूं कहें कि इंडियन पैसा लीग ने कई खिलाड़ियों को निखरने और छाप छोड़ने का मौका दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि आईपीएल की शुरुआत कैसे हुई? पहले कमिश्नर ललित मोदी को इसका आइडिया कहां से आया? ललित मोदी अमेरिका की प्रोफेशनल स्पोर्ट्स लीग की तर्ज पर भारत में क्रिकेट शुरू करना चाहते थे। अपने कॉलेज के दिनों में उन्होंने इसे काफी करीब से देखा था। फिर ललित मोदी ने भारतीय क्रिकेट में अपनी पकड़ बनानी शुरू की। पहले हिमाचल एसोसिएशन और फिर पंजाब एसोसिएशन से जुड़े। 2005 में राजस्थान एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने के बाद बीसीसीआई में उपाध्यक्ष के रूप में उनकी एंट्री हुई।
उन्होंने शरद पवार को बीसीसीआई अध्यक्ष बनने में मदद भी की थी। 2007 में पहले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद ललित मोदी ने प्रोफेशनल क्रिकेट लीग शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए वे जुलाई 2007 में आईएमजी वर्ल्ड के उपाध्यक्ष एंड्रयू वाइडब्लड से मिलने इंग्लैंड गए। विंबलडन फाइनल के दिन दोनों की मुलाकात हुई। यह आईपीएल को लेकर शुरुआती चर्चा थी।
10 सितंबर 2007 को बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने ललित मोदी को 100 करोड़ रु. का चेक दिया, जिससे आईपीएल में हिस्सा लेने के लिए खिलाड़ियों को लाया जा सके। पैसे मोदी को इस शर्त पर दिए गए थे कि वे मुंबई में अपने ऑफिस से लीग के काम करेंगे। उन्हें कोई सैलरी भी नहीं मिलनी थी। इसके बदले उन्होंने बोर्ड को आईपीएल के काम से दूर रहने को कहा। 12 सितंबर को उन्होंने दिल्ली में इंडियन प्रीमियर लीग को लॉन्च किया। फिर उन्होंने दुनिया के टॉप-100 खिलाड़ियों को 4 श्रेणी में बांटा। वर्ल्ड कप के दौरान वह खिलाड़ियों से भी मिले। उन्हें आईपीएल से मिलने वाले पैसे और अन्य सुविधाओं के बारे में बताया। फिर उन्होंने दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड से खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में भेजने के लिए बात की।

फ्रेंचाइजी की नीलामी जनवरी 2008 में हुई
टूर्नामेंट के लिए 8 शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, जयपुर और मोहाली को चुना गया।
फ्रेंचाइजी के लिए नीलामी 24 जनवरी 2008 को शुरू हुई। 20 फरवरी 2008 को पहली बार खिलाड़ियों की नीलामी हुई।
महेंद्र सिंह धोनी सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी रहे। उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने 6 करोड़ रुपए में खरीदा।
सचिन को मुंबई, सहवाग को दिल्ली, गांगुली को कोलकाता, लक्ष्मण को हैदराबाद, द्रविड़ को बेंगलुरु और युवराज को मोहाली का आईकन खिलाड़ी बनाया गया। नीलामी में इनपर बोली नहीं लगी।
पहला सीजन 44 दिन चला, जिसमें 59 मैच हुए। शेन वॉर्न की कप्तानी वाली राजस्थान ने धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई को हराकर पहला सीजन अपने नाम किया।
तीन साल कमिश्नर रहने के बाद मोदी हटाए गए
2008 से 2010 तक ललित मोदी आईपीएल के कमिश्नर रहे। इस बीच भ्रष्टाचार के कई मामलों में उनका नाम आया। 2010 में उन पर दो टीमों को गलत तरीके से लाने का आरोप लगा। उन्होंने मॉरिशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को 425 करोड़ का ठेका दिया था। आरोप है कि इसके लिए उन्हें कमीशन के तौर पर 125 करोड़ मिले थे।
इसके साथ ही पैसों की हेराफेरी समेत कई बड़े आरोप थे। जिसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें पद से हटा दिया। आरोपों की जांच करने के लिए अनुशासन समिति बनाई गई। 2011 में ईडी ने भी जांच शुरू की थी। इन सब से बचने के लिए उन्होंने देश छोड़ दिया। उसके बाद से लंदन में हैं।

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