आखिर इस बार क्यों बांटे गए रिकॉर्ड 74 पुरस्कार?

देश की ऊभरती प्रतिभाओं के प्रोत्साहन को बांटे अधिक पुरस्कारः किरेन रिजिजू
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सरकार के इस साल पांच राजीव गांधी खेल रत्न सहित रिकॉर्ड 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित करने के फैसले का बचाव किया जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है। खेल मंत्रालय की चयन समिति ने इस साल स्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा और पहलवान विनेश फोगाट सहित पांच खिलाड़ियों को खेल रत्न जबकि 27 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना।
मंत्रालय ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए 13 और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए 15 कोचों का चयन किया। रिजिजू ने शनिवार को कहा, ‘हमारे खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतर हुआ है। जब हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें सराहा और पुरस्कृत किया जाना चाहिए। अगर सरकार उनकी उपलब्धियों को सम्मानित नहीं करती तो इससे भारत की उभरती हुई खेल प्रतिभाओं का उत्साह कम होगा।' 
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन आयोजित किए गए समारोह में शानदार प्रदर्शन करने वाले देश के खिलाड़यों को सालाना राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जो कई शहरों से ‘लाग इन’ हुए। इस साल 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया, जिसमें पांच को खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें से 60 खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण के 11 केंद्रों से वर्चुअल समारोह में हिस्सा लिया।
क्रिकेटर रोहित शर्मा (खेल रत्न) और इशांत शर्मा (अर्जुन पुरस्कार) समारोह में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे इंडियन प्रीमियर लीग की प्रतिबद्धता के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हैं जबकि स्टार पहलवान विनेश फोगाट (खेल रत्न) और बैडमिंटन खिलाड़ी सत्विकसाइराज रंकीरेड्डी (अर्जुन पुरस्कार) को कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद समारोह से हटना पड़ा।
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