सुच्चा सिंह ने खोली सिस्टम की पोल

70 वर्षीय एशियाई खेलों के पदक विजेता ने दी कोरोना को मात
नई दिल्ली। सुच्चा सिंह ने 1970 एशियाई खेलों में 400 मीटर में कांस्य पदक जीता था तथा वह 1970 और 1974 में चार गुणा 400 मीटर रिली में रजत पदक जीतने वाली टीम के हिस्सा थे, उन्हें चार अगस्त को कोरोना वायरस के लिए 'पॉजिटिव' पाया गया लेकिन 17 अगस्त को किए गए एक अन्य परीक्षण में 'निगेटिव' आने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई, लेकिन एशियाई खेलों के पदक विजेता धावक का उपचार के दौरान अनुभव बहुत बुरा रहा।
सुच्चा सिंह ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को 'अपमानजनक' करार दिया और कहा कि एक खिलाड़ी जिसने देश का मान बढ़ाया है उसे भी उम्र के इस पड़ाव में इतना कुछ सहना पड़ा और यहां तक कि परीक्षण करवाने के लिए कई जगह चक्कर लगाने पड़े। 70 वर्षीय सुच्चा सिंह को जालंधर के पीआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने कहा कि उपचार में उनकी मोटी धनराशि खर्च हो गई और उन्हें अपने रिश्तेदारों की मदद से ढाई लाख रुपये जुटाने पड़े, उन्होंने कहा, 'मुझे 25-26 जुलाई की रात को तेज बुखार और खांसी हुई। मैंने एक क्लीनिक के चिकित्सक से सलाह ली। बुखार और खांसी कम नहीं हो रही थी। इसके कुछ दिन बाद मैंने परीक्षण करवाने का निर्णय किया।'
यहीं से उनकी परेशानियां बढ़ीं और परीक्षण करवाने में उन्हें दो दिन लग गए। सुच्चा सिंह का बेटा अमेरिका में नौकरी करता है जबकि उनकी बेटी न्यूयार्क में पढ़ती है। सुच्चा सिंह ने कहा, 'कोरोना वायरस से उबरने के लिए मुझे चार अगस्त को पीआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन मुझसे 12 बजे से पहले एक लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया और मैंने ऐसा किया।'
इस पूर्व एथलीट ने कहा कि उन्होंने अस्तपाल का भुगतान करने के लिए अपने रिश्तेदारों से उधार लिया। सुच्चा ने कहा, 'एक सप्ताह बाद उन्होंने मुझसे फिर से एक लाख रुपये जमा करने के लिए कहा और मैंने अपने रिश्तेदारों से मदद करने को कहा। उन्होंने मुझे पैसे दिए और इसके बाद ही मुझे छुट्टी मिल पाई। मैंने कुल ढाई लाख रुपये खर्च किए।'
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