29 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड की सिफारिश

पांच को खेल रत्न, 13 को द्रोणाचार्य 
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। खेल पुरस्कार चयन समिति ने इस साल 29 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड की सिफारिश की है। राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन मनिका बत्रा टेबल टेनिस की पहली खिलाड़ी हैं जिनके नाम की सिफारिश देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के लिए की गई है। वर्ष 1992 में शुरू हुए खेल रत्न के लिए पहली बार पांच नामों की सिफारिश की गई है। सेवानिवृत्त जज मुकुंदकम शर्मा की अगुआई वाली 12 सदस्यीय कमेटी ने मनिका के अलावा क्रिकेटर रोहित शर्मा, एशियाई खेलों की चैम्पियन विनेश फोगाट, रियो पैरालम्पिक स्वर्ण विजेता मरियप्पन थंगावेलु के नाम की सिफारिश खेल रत्न के लिए की है। पांचवां नाम हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल का है, लेकिन कमेटी ने रानी पर अंतिम फैसला खेल मंत्री पर छोड़ दिया है।
मुक्केबाज अमित पंघाल पर फिर छह साल पहले डोपिंग में फंसने की गाज गिरी है। उनके अंक 65 के करीब थे, पर कमेटी ने नामित नहीं किया। वहीं रोहित के महज 6.94 अंक थे। गैर ओलंपिक क्रिकेट में टीम के विश्व कप सेमीफाइनल में प्रवेश पर रोहित को टीम के कांस्य के बराबर अंक मिले। रोहित सर्वोच्च खेल पुरस्कार पाने वाले चौथे क्रिकेटर हैं। इससे पहले सचिन (1998), धोनी (2007) व विराट (2018) को यह सम्मान मिल चुका है। 
निशानेबाज मनु भाकर और सौरभ चौधरी का नाम पिछले वर्ष राष्ट्रीय राइफल संघ ने अर्जुन अवॉर्ड के लिए नहीं भेजा था, पहली बार भेजे गए आवेदन में मनु और सौरभ के नाम पर कमेटी ने मुहर लगा दी। क्रिकेटर इशांत के तीन से अधिक अंक बनते थे, लेकिन उनकी सिफारिश की गई। इशांत के अलावा दीप्ति शर्मा (क्रिकेट), अतानु दास (तीरंदाजी), शिवा केशवन (लूज), दुती चंद (एथलेटिक्स), सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी (बैडमिंटन) विशेष भृगुवंशी (बास्केटबाॅल), मनीष कौशिक, लवलीना (बॉक्सिंग), रिस सावंत (घुड़सवारी), संदेश झींगन (फुटबॉल), अदिति अशोक (गोल्फ), आकाशदीप सिंह, दीपिका ठाकुर (हॉकी), दीपक हुड्डा (कबड्डी), काले सारिका (खो-खो), दत्तू भोकानल (रोइंग), मनु भाकर, सौरभ चौधरी (शूटिंग), मधुरिका पाटकर (टेबल टेनिस), दिविज शरण (टेनिस), दिव्या काकरान, राहुल अवारे, साक्षी मलिक (कुश्ती), मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग) सुयश जाधव (पैरा एथलेटिक्स) संदीप (पैरा एथलेटिक्स), मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग) के नामों की सिफारिश अर्जुन अवॉर्ड के लिए की गई है।
31 वर्षीय इशांत ने अब तक भारत की तरफ से 97 टेस्ट और 80 एकदिवसीय मैच खेले हैं और उनके नाम पर 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट दर्ज हैं। यह भी पता चला है कि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और पूर्व विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू को भी समिति का समर्थन मिला है, लेकिन अंतिम फैसला खेल मंत्री किरेन रिजिजू पर छोड़ दिया गया है, क्योंकि इन दोनों महिला खिलाड़ियों को पूर्व में खेल रत्न पुरस्कार मिल चुका है। साक्षी को 2016 में रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद खेल रत्न पुरस्कार दिया गया था, जबकि मीराबाई ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के लिए वर्ष 2018 में भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली के साथ यह पुरस्कार हासिल किया था। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब खेल रत्न पा चुकीं मीराबाई चानू और साक्षी मलिक को अर्जुन अवॉर्ड दिए जाने का रास्ता बनाया गया है। मामला खेल मंत्रालय और साई के सुपुर्द है। कहा गया है कि राज्य में सारे लाभ अर्जुन अवॉर्ड पर दिए जाते हैं। कमेटी से अलग साई और मंत्रालय में भी मामले पर लम्बी चर्चा हुई। अंत में कमेटी ने दोनों को अर्जुन अवॉर्ड का मामला पूरी तरह मंत्रालय पर छोड़ दिया।
पहली बार रिकॉर्ड 13 कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार देने की सिफारिश
जूनियर भारतीय पिस्टल टीम के मुख्य कोच जसपाल राणा को ओलम्पिक कोटा हासिल करने वाले सौरभ चौधरी और मनु भाकर के लिए इस साल का द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाएगा। राणा को बीते वर्ष अवॉर्ड नहीं मिलने पर काफी विवाद हुआ था और मामला अदालत तक पहुंचा था। राणा के साथ डेविस कप टीम के कप्तान, कोच रहे 91 साल के नरेश कुमार और पूर्व हॉकी कप्तान और जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कोच रहे हैं। जूड फेलिक्स की सिफारिश भी द्रोणाचार्य के लिए की गई है।
अवॉर्ड कमेटी ने सोमवार को कोरोना काल में आए अत्यधिक आवेदनों को ध्यान में रखते हुए ध्यानचंद अवॉर्ड के लिए 15 और द्रोणाचार्य के लिए 13 नामों की सिफारिश की है। कमेटी ने इस बार ऐसे नामों की सिफारिश की है जो अवॉर्ड के लिए या तो अदालत जा चुके हैं या फिर लम्बे समय से आवेदन कर रहे हैं। लाइफ टाइम द्रोणाचार्य के लिए आठ और नियमित द्रोणाचार्य के लिए पांच नामों में जसपाल और जूड के अलावा वुशू कोच कुलदीप हांडू, पैरा बैडमिंटन कोच गौरव खन्ना और मलखंब कोच योगेश मालवीय के नाम की सिफारिश हुई है। लाइफ टाइम के लिए तीरंदाजी कोच धर्मेंद्र तिवारी, बॉक्सिंग कोच शिव सिंह, कुश्ती कोच ओपी सिंह और अश्वनी नाचप्पा और रोजा कुट्टी के कोच रहे पुरुषोत्तम रॉय प्रमुख हैं। 
दिल्ली में हुए 1951 के पहले एशियाई खेलों में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले तैराक सचिन नाग को भी आखिर याद कर लिया गया। उनके पुत्र अशोक नाग लम्बे समय से पिता को अवॉर्ड दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस बार उनका नाम मरणोपरांत ध्यानचंद पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। ध्यानचंद अवॉर्ड के लिए 1996 के ओलंपियन बॉक्सर लक्खा सिंह का नाम भेजा गया है। यह वही लक्खा हैं जिन्हें अपनी आजीविका चलाने के लिए टैक्सी चलानी पड़ रही है। भारतीय फुटबॉल टीम के कोच रहे सुखविंदर सिंह संधू, हॉकी खिलाड़ी गगन अजीत सिंह के पिता ओलंपियन अजीत सिंह, टेनिस खिलाड़ी नंदन बल, एथलीट जिंसी फिलिप्स, शटलर प्रदीप गांधे, पहलवान एनपी हुड्डा और कबड्डी खिलाड़ी मनप्रीत सिंह के नाम की सिफारिश भी ध्यानचंद अवॉर्ड के लिए की गई है।
इस बार ध्यानचंद अवॉर्ड के लिए रिकॉर्ड 98 और द्रोणाचार्य के लिए 137 नामांकन आए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने इतने नामों की सिफारिश की है। हालांकि यह खेल मंत्री पर निर्भर करेगा कि कितने नामों पर वह अवॉर्ड के लिए मुहर लगाते हैं। पिछली बार पांच ध्यानचंद और आठ द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिए गए थे। इस बार इस संख्या का बढ़ना तय है।
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