ओलम्पिक क्वालीफाई नहीं कर पाने को लेकर हिमा दास बेफिक्र

नई दिल्ली। फर्राटा धावक हिमा दास टोक्यो ओलम्पिक के लिए अभी तक क्वालीफाई नहीं कर पाने के बावजूद चिंतित नहीं हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि कोविड-19 महामारी के कारण निलंबित अंतरराष्ट्रीय सत्र के बहाल होने के बाद वह अपने करियर में पहली बार इन खेलों के लिए क्वालीफाई कर सकती हैं। हिमा को अभी स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है और अंतरराष्ट्रीय सत्र वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण 30 नवंबर तक निलंबित है। 400 मीटर में मौजूदा जूनियर विश्व चैंपियन हिमा ने एनआईएस पटियाला से कहा, 'मैं ओलंपिक क्वालीफिकेशन के बारे में चिंतित नहीं हूं, इससे केवल तनाव ही पैदा होगा। ओलंपिक के लिए अभी एक साल बाकी है।'
उन्होंने कहा, 'हमें इस महामारी के जल्दी से खत्म होने की प्रार्थना करनी चाहिए। फिर एक दिसंबर से एथलेटिक्स सत्र शुरू होगा और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए अगले साल काफी समय बचा है।' दो साल पहले उन्होंने फिनलैंड में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। 'धिंग एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर 20 साल की हिमा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं, उनका 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड (50.79 सेकेंड) है।
पिछले कुछ समय से पीठ के निचले हिस्से की चोट उन्हें काफी परेशानी कर रही है, जिससे ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भविष्य में 400 मीटर में नहीं दौड़ पाएंगी और उन्हें शायद 200 मीटर में ही भाग लेना होगा। इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'मैं चोट से उबर रही हूं। मेरे कोच और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ जो कुछ फैसला करेंगे, मैं वैसा ही करूंगी। वे फैसला करेंगे कि मैं किसमें दौड़ूं।' यह पूछने पर कि क्या वह पूरी तरह से उबर गई हैं तो उन्होंने कहा, 'यह प्रक्रिया में हैं, लेकिन मैं आउटडोर ट्रेनिंग शुरू करने के लिए फिट हूं और हम ऐसा पिछले 30 से 40 दिन से कर रहे हैं।'

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