यशोधरा राजे सिंधिया ने खेल मंत्री के रूप में बनाया कीर्तिमान!

एक जुझारू, ईमानदार खेल मंत्री के सामने टोक्यो ओलम्पिक  की चुनौती

श्रीप्रकाश शुक्ला

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमण्डल में जुझारू, ईमानदार यशोधरा राजे सिंधिया को एक बार पुनः खेल मंत्री पद से नवाज कर अपनी शुचिता का नायाब उदाहरण पेश किया है। यशोधरा राजे सिंधिया के मध्य प्रदेश का खेल मंत्री बनते ही एक ऐसा कीर्तिमान बना है, जिसे तोड़ पाना किसी भी राज्य के जनप्रतिनिधि के लिए आसान नहीं होगा। यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश ही नहीं किसी भी राज्य की सबसे अधिक बार और सबसे अधिक समय तक खेल मंत्री रहने वाली देश की पहली जनप्रतिनिधि हैं।

खेलों में यशोधरा राजे सिंधिया ने मध्य प्रदेश को देश में एक अलग पहचान दिलाई है। प्रदेश में संचालित विभिन्न खेलों की डेढ़ दर्जन खेल एकेडमियां यशोधरा राजे सिंधिया की बेहतरीन सोच का ही सुफल हैं। खेलों में एक पिछड़े राज्य को इन्होंने सुविधाओं से सम्पन्न बनाने में महती योगदान दिया है। आज के जनप्रतिनिधि मंत्री बनने के बाद जहां क्षेत्रवाद को बढ़ावा देते हैं वहीं यशोधरा राजे सिंधिया ने समूचे मध्य प्रदेश में खेलों की अलख जगाने का काम किया है।

खिलाड़ियों को मिली सुविधाओं और प्रदर्शन पर लोगों का अलग-अलग नजरिया हो सकता है लेकिन इस दिशा में कमी यशोधरा राजे सिंधिया की नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले लोगों की रही है। संचालनालय खेल भोपाल में बैठे कुछ बेईमान खेल पदाधिकारी ईमानदार यशोधरा राजे सिंधिया को अपने आंख की किरकिरी मानते हुए हमेशा चोर से चोरी करने और साहूकार से जगते रहने का प्रपंच रचते रहे हैं। 2006 में पहली बार मध्य प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री बनी यशोधरा राजे सिंधिया ने ग्वालियर को महिला हाकी एकेडमी तथा बैडमिंटन एकेडमी की सौगात दी तो भोपाल, जबलपुर, इंदौर, रीवा आदि में भी खेल अधोसंरचना को मुकम्मल करने की तरफ बराबर ध्यान दिया। आज ग्वालियर में संचालित राज्य महिला हाकी एकेडमी देश की पहचान है तो भोपाल में संचालित शूटिंग एकेडमी तथा जबलपुर में संचालित तीरंदाजी एकेडमी से देश को नायाब सितारे मिल रहे हैं।

19 जून, 1954 में ग्वालियर में जन्मीं यशोधरा राजे सिंधिया के तीन बच्चे अक्षय, अभिषेक और त्रिशला हैं, जिनकी राजनीति में जरा भी दिलचस्पी नहीं है। 1998 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली यशोधरा राजे सिंधिया अब तक पांच बार विधान सभा तो एक बार संसद पहुंच चुकी हैं। 2006 में पहली बार खेल मंत्री बनीं यशोधरा राजे सिंधिया शिवराज मंत्रिमण्डल में अपनी बेबाक और ईमानदार कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। खेलों और खिलाड़ियों से बेशुमार मोहब्बत करने वाली यशोधरा राजे सिंधिया के सामने इस कार्यकाल में कई चुनौतियां भी हैं, मसलन अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में मध्य प्रदेश के कितने खिलाड़ियों की प्रतिभागिता रहेगी, यह सबसे अहम होगा। मध्य प्रदेश के दो शूटर ओलम्पिक का टिकट हासिल कर चुके हैं तो महिला हाकी टीम भी खेलने की पात्रता हासिल कर चुकी है। उम्मीद है कि महिला हाकी एकेडमी की चार से पांच खिलाड़ी टोक्यो ओलम्पिक जरूर खेलेंगी। जो भी हो प्रदेश का हर खेलप्रेमी खेल मंत्री के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया को पुनः पाकर जहां प्रसन्न है वहीं मतलबपरस्त और बेईमान लोगों के चेहरे बुझ चुके हैं।                

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