जिम्नास्ट प्रतिष्ठा के माता-पिता के जज्बे को सलाम

कोच बिश्वेशर नंदी से कोचिंग लेने अगरतला पहुंची
खेलपथ प्रतिनिधि
कोलकाता।
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स और जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप में कई स्वर्ण पदक जीतने के बाद कोलकाता की जिम्नास्ट प्रतिष्ठा सामंत के कोच सेवानिवृत्त हो गए। माता-पिता को लगा बेटी का दूसरी दीपा कर्माकर बनने का सपना कैसे पूरा होगा? बेटी की जिद थी कि उन्हें दीपा को बनाने वाले कोच बिश्वेशर नंदी से कोचिंग लेनी है।
नंदी अगरतला में रहते हैं और प्रतिष्ठा कोलकाता में। सोलह वर्षीय बेटी को लेकर मां अगरतला आ गई और ढाई हजार रुपये किराए का मकान लेकर रह रही हैं। प्रतिष्ठा को नंदी के संरक्षण में ट्रेनिंग करा रही हैं। प्रतिष्ठा ने खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में वालंर्टग टेबल समेत चार स्वर्ण जीते हैं। उनकी मां शुभ्रा सामंत के अनुसार पति कोलकाता में निजी कम्पनी में काम करते हैं। उन्हें खुशी है नंदी सर बेटी को कोचिंग देने को तैयार हो गए और एडमीशन भी करा दिया। प्रतिष्ठा को दीपा का भी साथ मिल गया। कोरोना के चलते अभी ऑनलाइन क्लासें चल रही हैं। 
2018 जूनियर एशियाई चैम्पियनशिप की फाइनलिस्ट प्रतिष्ठा ओलम्पिक चैम्पियन अमेरिका की सिमोना बाइल्स और दीपा को आदर्श मानती हैं। दीपा जैसा बनना उनका सपना है। नंदी भी मानते हैं कि प्रतिष्ठा ने कोलकाता छोड़ अगरतला आने का बड़ा फैसला लिया है। ऐसा हर मां-बाप नहीं करते हैं। प्रतिष्ठा काफी प्रतिभाशाली है और वह उसे 2024 पेरिस ओलम्पिक के लिए तैयार कर रहे हैं।

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