निगोमबाम ने सम्हाला हाकी इंडिया के अध्यक्ष का कार्यभार

नई दिल्ली। मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने निजी प्रतिबद्धताओं के कारण हॉकी इंडिया अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले खेल मंत्रालय ने उनके चुनाव को राष्ट्रीय खेल संहिता के कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करार देते हुए उनसे पद छोड़ने के लिए कहा था। हॉकी इंडिया कार्यकारी बोर्ड ने महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मणिपुर के रहने वाले ज्ञानेंद्रो निगोमबाम को अहमद की जगह पर कार्यवाहक अध्यक्ष चुना है।

राष्ट्रीय संघ ने कहा, 'हॉकी इंडिया कार्यकारी बोर्ड की आज आपात बैठक हुई और मणिपुर के ज्ञानेंद्रो निमोमबाम को हॉकी इंडिया का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया।' हॉकी इंडिया ने कहा, 'यह फैसला मोहम्मद मुश्ताक अहमद के इस्तीफे के बाद किया गया जिनका इस्तीफा हॉकी इंडिया को 7 जुलाई को मिला था, जिसमें उन्होंने इसका कारण निजी और पारवारिक प्रतिबद्धताएं बताई थी। आज बुलाई गई बैठक में मोहम्मद मुश्ताक अहमद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।' खेल मंत्रालय ने पाया था कि 2018 में हुए चुनावों में अहमद ने कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था। इन चुनावों के बाद ही उन्होंने अध्यक्ष पद संभाला था।

'मामले की जांच की गई है'

हॉकी इंडिया महासचिव राजिंदर सिंह को 6 जुलाई को लिखे पत्र में मंत्रालय ने महासंघ से अध्यक्ष पद के चुनाव 30 सितंबर तक नए सिरे से कराने के लिए कहा है। पत्र में कहा गया, 'मामले की जांच की गई है। यह पाया गया कि मुश्ताक अहमद 2010 से 2014 तक हॉकी इंडिया के कोषाध्यक्ष और 2014 से 2018 तक महासचिव थे। अध्यक्ष के तौर पर 2018 से 2022 के बीच उनका हॉकी इंडिया के पदाधिकारी के तौर पर लगातार तीसरा कार्यकाल होगा।' इसमें कहा गया, 'इसलिए उनका चुनाव राष्ट्रीय खेल महासंघों के पदाधिकारियों के लिए उम्र और कार्यकाल के सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप नहीं है।'

खेल संहिता के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ के पदाधिकारी लगातार दो बार ही पद पर आसीन हो सकते हैं। बाद में संशोधन के बाद केवल अध्यक्ष के लिए तीन कार्यकाल मान्य किए गए। अहमद के 2018 में अध्यक्ष बनने के बाद से इस मसले पर महासंघ और मंत्रालय के बीच विवाद है। एक आरटीआई के जवाब में पाया गया था कि खेल मंत्रालय ने 2019 में अहमद के 1 अक्टूबर 2018 को हॉकी इंडिया अध्यक्ष पद पर चुने जाने को खेल संहिता का उल्लंघन बताया था। मंत्रालय ने उन्हें 13 फरवरी 2019 को लिखे पत्र में पद छोड़ने और हॉकी इंडिया को नए सिरे से चुनाव कराने के लिए कहा था। इसके जवाब में हॉकी इंडिया ने कहा था कि उम्र और कार्यकाल के संशोधित दिशानिर्देश 1 मई 2010 को जारी हुए और वे पूर्वप्रभावी तरीके से लागू नहीं किए जा सकते। हॉकी इंडिया 2010 में मान्य महासंघ नहीं था। उसे 28 फरवरी 2014 को मान्यता मिली जिस समय अहमद कोषाध्यक्ष थे।

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