उद्योगपति बदल सकते हैं भारत में खेलों की तस्वीर

सहारा, अदाणी और रिलायंस समूह कर रहे खिलाड़ियों की मदद

खेलपथ प्रतिनिधि

ग्वालियर। भारत में खेलों की तस्वीर सिर्फ सरकारें ही नहीं हमारे उद्योगपति भी बदल सकते हैं। देखा जाए तो सहारा, अदाणी और रिलायंस समूह जैसे औद्योगिक घरानों ने किसी न किसी रूप में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर समाज के सामने एक नजीर पेश की है। इनके अलावा भी खिलों के विकास के लिए अन्य उद्योगपति खिलाड़ियों की मदद कर खेलों का भला कर सकते हैं।

सहारा समूह की जहां तक बात है उसने भारतीय टीमों को सहारा देने का प्रशंसनीय कार्य किया तो अदाणी समूह ने भारत के लिए विश्वस्तरीय एथलीटों की खोज कर, उन्हें तैयार करने की दीर्घकालिक योजना को मूर्तरूप दिया है। अदाणी समूह ने गर्व है योजना के माध्यम से देशभर की खेल प्रतिभाओं की सुध ली है। इस समूह ने उन प्रतिभाओं को मंच मुहैया कराने का प्रयास किया जिनमें खेलों का जुनून है। अभी तक, इस पहल से तीन हजार से अधिक प्रतिभाएं जुड़ चुकी हैं। प्रणव अदाणी, डायरेक्टर, अदाणी एंटरप्राइजेस लिमिटेड का कहना है कि भारत खेल की भावना में एक अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी का गवाह बनना ही मेरा एकमात्र उद्देश्य है।

श्री अदाणी का कहना है कि खेलों के विकास के लिए सरकार हरसम्भव प्रयास करती है लेकिन एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट होने के चलते हमें लगता है कि देश में खेलों का माहौल बदलते में सहयोग देना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। हम गर्व है के माध्यम से उभरते खिलाड़ियों के साथ खड़े रहना चाहते हैं, उनकी यात्रा का एक हिस्सा बनना और उनकी उपलिब्धयों का जश्न मनाना चाहते हैं।

गौरतलब है कि अदाणी समूह गर्व है के माध्यम से 14 साल से ज्यादा की उम्र के उन खिलाड़ियों के लिए बड़ा अवसर दे रहा है जो व्यक्तिगत खेलों में अपना करियर बनाना चाहते हैं। हालांकि इसके लिए इच्छुक खिलाड़ियों को कड़ी प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसमें ग्रेडिंग सिस्टम भी शामिल है जो पुरानी उपलब्धियों और एंग्लियन मेडल हंट के गुणात्मक और मात्रात्मक प्रक्रिया पर आधारित होगा। एंग्लियन मेडल हंट एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कम्पनी है जिसे खेल प्रतिभाओं को ढूंढ़ने हेतु जमीनी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने में महारत हासिल है। एंग्लियन मेडल हंट का मकसद खेल के अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर भारत के लिए कीर्ति हासिल करना है। चुने गए खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और उन्हें अपने सपने पूरे करने के लिए महत्वपूर्ण राशि देना है। कम्पनी ने जिन खेलों को मदद करने का फैसला किया है उसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, निशानेबाजी और कुश्ती जैसे खेल शामिल हैं। इससे अब तक अंकिता रैना (टेनिस), पिंकी जांगड़ा (मुक्केबाजी), संजीवनी जाधव (एथलेटिक्स), मलयका गोयल (निशानेबाजी), मनदीप जांगड़ा (मुक्केबाजी), इंदरजीत सिंह (एथलेटिक्स), खुशबीर कौर (एथलेटिक्स), शिवा थापा (मुक्केबाजी) जैसे खिलाड़ी लाभान्वित हो चुके हैं।

खिलाड़ियों ने भी उद्योग समूहों की तारीफ की

गर्व है के बारे में अपने अनुभव बांटते हुए अंकिता रैना बताती हैं कि किसी भी एथलीट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धा में शामिल होने का मौका मिलना एक सपना होता है। कई लोग जिनमें जबरदस्त क्षमता होती है वे केवल पैसों की कमी के चलते अपना सपना साकार नहीं कर पाते और इसलिए मेडल जीतने का मौका चूक जाते हैं। मैं एक साधारण पृष्ठभूमि से आती हूं, मेरे लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेनिस खेलना और जरूरी संख्या में टूर्नामेंट में मुकाबला करना बहुत मुश्किल था। 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय महिला चैम्पियन बनने के बावजूद जूनियर आईटीएफ सर्किट में खेलने के लिए मैं ज्यादा यात्रा नहीं कर पा रही थी लेकिन किसी तरह मुझे जो भी थोड़े बहुत अवसर मिले मैं अपनी रैंकिंग टॉप 200 में बनाने में कामयाब हो गई। जूनियर इंटरनेशनल सर्किट के अनुभव से मैं वंचित रही लेकिन मेरे करियर में अन्य दो चीजें हुईं जिसने मुझे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद की। मेरी टेनिस की यात्रा में सही समय पर मुझे सहारा देने के लिए मैं एसएजी और अदाणी ग्रुप को धन्यवाद देती हूं।

पिंकी जांगड़ा, जिन्होंने मुक्केबाजी में भारत के लिए कई उपलिब्धयां हासिल की हैं, ने कहा, 'मुझे खुशी है कि गर्व है, इस पहल का मैं हिस्सा रही हूं और उन्होंने बहुत अच्छी तरह मेरी देखभाल की है। मेरे प्रशिक्षण के लिए मुझे अदाणी समूह से जो समर्थन मिला उससे मुझे बहुत मदद हुई। इससे मुझे ऑफ सीजन ट्रेनिंग कैम्प, फिजिओथेरेपी, पोषण, एक्विपमेंट और इस तरह के अन्य खचों के लिए पैसे उपलब्ध हो सके। मुझे अपनी ऊर्जा इन क्षेत्रों में क्रेंद्रित नहीं करनी पड़ी और मैं अपना पूरा ध्यान अपनी ट्रेनिंग और तकनीक सुधारने में लगा सकी।' उल्लेखनीय है कि इससे पहले अदाणी ग्रुप ने कबड्डी जैसे देशी खेलों को भी प्रोत्साहन दिया है। अदाणी समूह अहमदाबाद मैराथन, भारतीय थल सेना को समर्पित दौड़ जैसे ऐतिहासिक खेल कार्यक्रमों को अपना सहारा दे चुका है।

रिलेटेड पोस्ट्स