खिलाड़ियों ने लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

मुक्केबाजों को लेकर उठ रहे सवाल
खेलपथ प्रतिनिधि
पटियाला।
एनआईएस पटियाला में एकांतवास के दिनों को लेकर खिलाड़ियों ने सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। जिससे यहां ओलम्पिक की तैयारियों में जुटे खिलाड़ियों के मन में कोरोना का खौफ सताने लगा है। वेटलिफ्टरों, एथलीटों को अंदर कैंपस में आने से पहले 14 दिनों का एकांतवास काटना पड़ा, लेकिन गुरुवार को उस वक्त उनकी हैरानी की सीमा नहीं रही जब कई खिलाड़ियों ने मेस में कुछ बॉक्सरों को खाना खाते देखा। सभी खिलाड़ियों ने इस बारे में मेस इंचार्ज से पूछा और कहा कि बॉक्सरों के एकांतवास के अभी 14 दिन पूरे नहीं हुए हैं तो ये अंदर कैसे आ गए।
साई ने अमित पंघाल, विकास कृष्ण, सतीश कुमार, आशीष कुमार, सिमरनजीत कौर, पूजा रानी, लोवलीना समेत कई बॉक्सरों का एनआईएस में कैम्प लगाया है। ये सभी कैंपस में प्रवेश से पहले एकांतवास में भेजे गए हैं, लेकिन गुरुवार को तीन से चार बॉक्सर बाहर स्थित एकांतवास केंद्र से अंदर भेज दिए गए, जबकि इन बॉक्सरों के एकांतवास के तीन से सात दिन ही हुए हैं। यहीं से खिलाड़ियों में रोष और हड़कम्प मचा।
संस्थान के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक कर्नल आरएस बिश्नोई का कहना है कि इन बॉक्सरों का कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अंदर महज फिटनेस ट्रेनिंग की इजाजत दी गई है। हालांकि 14 दिन के एकांतवास की बात पर उनका कहना है कि यह राज्यों की गाइड लाइंस को देखकर निर्धारित किया जा रहा है।
खिलाड़ियों में रोष इस बात को लेकर है कि एकांतवास को लेकर एक सा नियम नहीं है। वेटलिफ्टिंग कोच दत्तन कैंप में शामिल होने से पहले 14 दिन एकांतवास में गए हालांकि उनकी कोरोना रिपोर्ट तीन दिन में नेगेटिव आ गई थी। जैसे ही वह कैंप में शामिल हुए उन्हें उनके संस्थान एयरफोर्स से कहा गया कि उनको अपने हेडक्वार्टर में रिपोर्टिंग दिखानी होगी। उन्हें मजबूरन आगरा जाना पड़ा। वह सुबह आगरा गए और हस्ताक्षर कर रात में वापस आ गए, लेकिन उन्हें फिर 14 दिन के एकांतवास में भेज दिया गया। इसी तरह जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के फीजियो को भी 14 दिन के एकांतवास में भेजा गया है। खिलाड़ी इसी बात का विरोध जता रहे हैं कि जब सभी को 14 दिन एकांतवास में भेजा जा रहा है तो कुछ खिलाड़ियों को जल्द अंदर कैसे बुलाया गया।

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