जूनियर डेविस कप खिलाड़ी और चार अन्य पर आयु धोखाधड़ी के आरोप

खेलों में उम्र का गोरखधंधा
नई दिल्ली।
एक जूनियर खिलाड़ी के पिता की उत्पीड़न के मामले में लड़ाई से जूनियर डेविस कप खिलाड़ी और चार अन्य के द्वारा कथित आयु धोखाधड़ी का पता चला है, लेकिन राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) ने वर्षों से खेल को प्रभावित करने वाले इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जूनियर खिलाड़ी ने आरोप लगाया था कि साथी प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने चंडीगढ़ लॉन ट्रेनिस संघ (सीएलटीए) परिसर में उसका उत्पीड़न किया जिसमें जूनियर डेविस कप खिलाड़ी भी शामिल था। इसके बाद लड़की के पिता के प्रयासों पर आयु धोखाधड़ी का खुलासा हुआ जिसकी जांच पुलिस भी कर रही है।
पीड़िता के नाबालिग होने के कारण उसके पिता की पहचान नहीं बताई जा सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि लड़की का सबसे पहले मई 2019 में उत्पीड़न किया गया और फिर जुलाई में दोबारा उसे इसका सामना करना पड़ा। इसके बाद अगस्त में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई। लड़की के पिता ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उत्पीड़न करने वाले अधिक उम्र के खिलाड़ी हैं।
लड़की के पिता ने टेलीफोन पर बताया, ''इस मामले में सीएलटीए को मेरी मदद करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने मेरे खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी। उन्हें विश्वास नहीं है कि खिलाड़ी अधिक उम्र के हैं। हम पीड़ित थे लेकिन सीएलटीए ने खिलाड़ियों को बचाने के लिए वकीलों की सेवाएं लीं। यहां तक कि उनके जमानती बांड भी सीएलटीए अधिकारियों ने भरे।''उन्होंने कहा, ''क्या आप विश्वास कर सकते हो? वे खिलाड़ी अब भी सीएलटीए में खेल रहे हैं जबकि उन्हें सजा दी जानी चाहिए थी। इन पांच खिलाड़ियों को चार्ट कार्यक्रम में जगह मिली थी जिसके लिए सीएलटीए को कारपोरेट से भारी भरकम राशि मिलती है।''
लड़की के पिता ने कहा, ''इसलिए जब उन्होंने उन खिलाड़ियों को बचाने और इसकी जगह मुझे प्रताड़ित करने का प्रयास किया तो इसे समझा जा सकता था।'' उन्होंने आरोप लगाया कि 2012 में चंडीगढ़ एकेडमी फॉर रूरल टेनिस (चार्ट) कार्यक्रम से जुड़ने के बाद सीएलटीए ने उन्हें फर्जी आयु प्रमाण पत्र हासिल करने में मदद की। होंडा मोटरसाइकिल एवं स्कूटर इंडिया प्राइवेज लिमिटेड सीएसआर पहल के तहत चार्ट कार्यक्रम का समर्थन करता है।
लड़की के पिता ने हालांकि हार नहीं मानी और रोहतक, पलवल और हिसार के सरकारी स्कूलों में गए जहां आरोपी प्राथमिक स्तर पर पढ़ते थे और वहां से उनके वास्तविक जन्म तिथि जुटाई। पंजीयक कार्यालय ने इसके बाद पांच में से एक खिलाड़ी के जन्म प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया और अन्य के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।
आयु धोखाधड़ी से निपटने में नीरस रवैया दिखाने के आरोपों का सामना करने रहे अखिल भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) के पास सीएलटीए में हुआ उसे लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। एआईटीए अधिकतर आयु धोखाधड़ी की शिकायतों में हड्डियों के जरिए आयु निर्धारण करने वाले 'टैनर वाइटहाउस 3' परीक्षण के लिए संसाधनों की कमी का हवाला देता रहा है। संपर्क करने पर एआईटीए के महासचिव हिरणमय चटर्जी ने कहा, ''हमें इस मामले की जानकारी है। यह चिंता की बात है कि इस मामले (उत्पीड़न के) में डेविस कप खिलाड़ी का नाम आया है। यह शर्मनाक है। हमने सीएलटीए से रिपोर्ट मांगी है।'' सीएलटीए के महासचिव सुधीर राजपाल ने यह कहकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह मामला अदालत में है जबकि संघ के सीओओ मेघराज ने फोन या एसएमएस का कोई जवाब नहीं दिया। चटर्जी ने कहा कि एआईटीए आयु धोखाधड़ी के मामले में अदालत के फैसले का इंतजार करेगा और फिर भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेगा।

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