नए कोचों का कार्यकाल चार साल का होगा

मौजूदा विदेशी कोचों का अनुबंध 2021 तक बढ़ा
नई दिल्ली।
खेल मंत्रालय ने गुरुवार को अपने सभी विदेशी कोचों का अनुबंध अगले साल 30 सितम्बर तक बढ़ा दिया है और कहा कि निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ओलंपिक खेलों के साथ तालमेल के हिसाब से भविष्य में कोचों- भारतीयों और विदेशी दोनों को चार साल के कार्यकाल के लिए अनुबंधित किया जाएगा।
नए कोचों को दिया जाने वाला चार साल का अनुबंध हालांकि संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की सिफारिशों के आधार पर दिया जाएगा। मौजूदा नियुक्त कोचों का कार्यकाल ओलंपिक खेलों के कोविड-19 महामारी के कारण अगले साल तक स्थगित होने के कारण बढ़ाया गया है।
अनुबंधों की सालाना समीक्षा की जाएगी और उनके ओवरआल प्रदर्शन के आधार पर इसे बढ़ाया जाएगा। कोचों के प्रदर्शन का आधार उनके अधीन एथलीटों की बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उपलब्धियां होगा। खेल मंत्री किरण रिजिजू ने बयान में कहा, 'कोच किसी भी देश के खेल तंत्र की रीढ़ होते हैं और भारत के ओलंपिक सहित सभी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में मौके को सुधारने के लिए हमारे खिलाड़ियों के लिये सही कोचिंग सुनिश्चित करना इस ओर अहम कदम है।'
उन्होंने कहा, 'यह फैसला भारत की 2024 और 2028 ओलंपिक की तैयारियों के लंबे समय की योजनाओं के खाके का हिस्सा है। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे खिलाड़ियों को इससे फायदा मिलेगा।' भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे खिलाड़ियों को काफी मदद मिलेगी विशेषकर ऐसे समय में जब उन्हें कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन से लंबा ब्रेक लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'खेल मंत्रालय, विभिन्न एनएसएफ के प्रतिनिधियों के साथ हुई हालिया बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था और विदेशी कोचों के लंबे अनुबंध का अनुरोध किया गया था। मौजूदा कोच खिलाड़ियों को जानते हैं और वे उन्हें तैयार करेंगे।'
बत्रा ने कहा, 'कोचों के बार बार बदलने से खिलाड़ी को नए कोच के मिजाज के हिसाब से तालमेल बिठाना पड़ता था और कोचों को भी खिलाड़ियों से सांमजस्य बिठाना होता था। इससे अकसर प्रदर्शन पर असर पड़ता है।' उन्होंने कहा कि इस फैसले का भारतीय खिलाड़ियों के 2022 एशियाई खेलों और 2023 विश्व चैम्पियनशिप से लेकर 2024 ओलंपिक में प्रदर्शन पर सकारात्मक असर पड़ेगा। आईओए प्रमुख ने कहा, 'कोचों के निरंतर होने से निश्चित रूप से खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार होगा और भारत के और पदक सुनिश्चित होंगे।'

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