शिक्षा नीति में सिलेबस का हिस्सा होंगे खेल

मुंबई। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश की नयी शिक्षा नीति में खेल पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे और इन्हें अतिरिक्त गतिविधि नहीं समझा जाएगा। ‘21वीं शताब्दी में ओलंपिक और ओलंपिक शिक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार’ के उद्घाटन सत्र के दौरान रिजिजू ने कहा, ‘मेरा हमेशा से विश्वास रहा है कि शिक्षा एक है, खेल एक है। ये दोनों
समान हैं।’ रिजिजू ने कहा कि खेल को वैकल्पिक विषय के रूप में नहीं देखा जा सकता और इसे शिक्षा के रूप में स्वीकार करना होगा। खेल भी एक शिक्षा है, इसलिए खेल अतिरिक्त गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। खेल को शिक्षा के हिस्से के तौर पर सभी को स्वीकार करना होगा।’ रिजिजू  ने कहा, ‘भारत की नयी शिक्षा नीति को अभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है, लेकिन यह अंतिम चरण पर है। बातचीत के दौरान मेरा मंत्रालय पहले ही पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रख चुका है।’ रिजिजू ने कहा कि हम राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की घोषणा कर चुके हैं। अब यह गठन की प्रक्रिया पर है और मैंने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है और यह समिति चर्चा कर रही है कि राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड को कैसे मूर्त रूप दिया जाए।

बनेगा ओलम्पिक संग्रहालय
रिजिजू ने कहा कि वह देश का ‘ओलंपिक संग्रहालय’ बनाने को लेकर उत्सुक हैं। कोरोना के बाद स्थिति सामान्य होने पर इस संदर्भ में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे निजी तौर पर लगता है कि ओलंपिक संग्रहालय बेहद महत्वपूर्ण निधि है। प्रत्येक देश में इसे बनाने की जरूरत है और भारत जैसे देश में, हमारी अच्छी विरासत है, हमारे यहां यह होना ही चाहिए।’

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