डोपिंग आरोपों का हटा भार
नयी दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू के खिलाफ डोपिंग के आरोपों को नमूनों में एकरूपता नहीं पाये जाने के कारण खारिज कर दिया है। आईडब्ल्यूएफ ने यह फैसला विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर किया। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चानू शुरू से ही खुद को निर्दोष बता रही थीं। अब उन्होंने कहा है कि आईडब्ल्यूएफ को उनसे माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए।
चानू को आईडब्ल्यूएफ के कानूनी सलाहकार लिला सागी के हस्ताक्षर वाले ई-मेल के जरिये फैसले से अवगत कराया गया है। चानू ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि आखिर मुझे आधिकारिक तौर पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। लेकिन इस बीच मैंने जो मौके गंवाये उनका क्या होगा। मैं जिस मानसिक पीड़ा से गुजरी हूं उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। हर स्तर पर की गयी गलतियों की जिम्मेदारी कौन लेगा। आप एक खिलाड़ी को अंतिम फैसला आये बिना वर्षों तक निलंबित कर देते हो और एक दिन मेल भेजकर कहते हो कि आपको आरोपों से मुक्त किया जाता है।’
ओलम्पिक में जाने का मौका छिना
चानू ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ ने अपने कड़े रवैये से उनसे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका छीन लिया। उन्होंने कहा, ‘क्या यह किसी तरह का मजाक है। क्या आईडब्ल्यूएफ खिलाड़ी के करियर की परवाह नहीं करता। क्या मेरे ओलंपिक के अवसरों को खत्म करना आईडब्ल्यूएफ का इरादा था। हर खिलाड़ी का सपना ओलंपिक खेलों में पदक जीतना होता है। वह कम से कम उनमें भाग तो लेना ही चाहता है। मेरा यह मौका आईडब्ल्यूएफ ने मुझसे छीन दिया। आईडब्ल्यूएफ को माफी मांगनी होगी और स्पष्टीकरण देना चाहिए। इसके लिए जिम्मेदार निकाय या संगठन या व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए। मैं आईडब्ल्यूएफ से मुआवजे के लिए अपील करूंगी।’