क्रिकेेट में साख खोता हैदराबाद

खेलपथ प्रतिनिधि

हैदराबाद। एक समय था जब क्रिकेट की बात होते ही हैदराबाद का नाम लोगों की जुबां पर आ जाता था। हैदराबाद हमेशा से ही क्रिकेट का गढ़ रहा है, हैदराबाद से राष्ट्रीय टीम के लिए कई खिलाड़ी निकले हैं। हैदराबाद से मंसूर अली खान पटौदी, वीवीएस लक्ष्मण, एमएल जयसिम्हा, मोहम्मद अजहरुद्दीन और कई अन्य खिलाड़ी आए, जिन्होंने विश्व क्रिकेट पर अपनी धाक जमाई।

आज ऐसी बात नहीं है। अब क्रिकेट में ऐसी कोई प्रतिभा नजर नहीं आती जिसे भारत का भविष्य माना जाए। लोगों का मानना है कि हैदराबाद क्रिकेट के अनुकूल है इसीलिए यहां से विश्व स्तर के खिलाड़ी निकले हैं। पहले यहां कई लीग मैच होते थे, और उसके बाद खिलाड़ियों को जोनल और स्टेट लेवल पर खेलने के लिए भेजा जाता था। पर अब बोर्ड कोई भी लीग मैच यहां नहीं कराता, और यहाँ फॉर्मेट भी पूरी तरह बदल चुका है। इस फॉर्मेट से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी यहां से निकलने मुश्किल हैं।

जयसिम्हा कहते हैं कि  विहारी, तेजा और नमन ओझा जैसे खिलाड़ी काफी प्रतिभावान हैं पर उन्होंने आंध्र क्रिकेट के लिए हैदराबाद को छोड़ दिया। जो खिलाड़ी हैदराबाद के लिए खेल रहे थे वे पिछले दो साल से पैड नहीं हुए, इसीलिए उन्हें हैदराबाद बोर्ड का साथ छोड़ना पड़ा। खिलाड़ी क्या कर सकते हैं? असम और गोवा के खिलाड़ियों को हैदराबाद से खेलना पड़ रहा है।

इन सब बातों का साक्ष्य आईएलपी लीग में देखा जा सकता है, वहां हैदराबाद का कोई खिलाड़ी नहीं दिखा। महिला क्रिकेट में भी वहां कोई हैदराबादी नहीं। अयाज़ मेनन का इस पर कहना है कि बोर्ड को खिलाड़ियों को सहूलियतें देनी पड़ेंगी, ताकि वे बोर्ड का साथ दें. इससे राष्ट्रीय टीम के लिए खिलाड़ी बाहर आएंगे।”

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