हाकी सितारों के सामने रोटी का संकट

लखनऊ। मोटर मैकेनिक तसव्वुर अली के बेटे शाहरुख अली अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू हॉकी प्रतियोगिता के स्टार खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की तरफ से विपक्षी टीमों पर 10-10 गोल मारे हैं। वहीं उनके बड़े बेटे आमिर अली उत्तर प्रदेश की सीनियर टीम के बेहतरीन खिलाड़ी हैं।
साइकिल का पंचर बनाने वाले भोला की बेटी मुस्कान राज्य जूनियर टीम की सदस्य है। बेटा रितिक भी बाबू सब जूनियर हॉकी प्रतियोगिता का बेहतरीन खिलाड़ी रहा है। छोटे बच्चे करण और मान भी हॉकी के उम्दा खिलाड़ी रहे हैं। आलोक राज्य के सब जूनियर वर्ग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रह चुके हैं। पर उनकी मां मालती मिश्रा रिक्शा चलाकर घर का खर्च चलाती है। कोरोना के कहर के बीच लॉकडाउन में तसव्वुर, भोला और मालती का काम बंद है। अब इन सभी के सामने बच्चों का पेट भरने का संकट आ खड़ा हुआ है। इनके सामने इनकी खुद्दारी भी आड़े आ रही है। ये काम करके पैसा कमाना चाहते हैं भीख या मदद के रूप में राशन नहीं चाहते।

बाबू हॉकी से निकले हैं कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

भूख से ज्यादा खेल न होने की चिंता चार बार अखिल भारतीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके शाहरुख बताते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा चिंता खेल बंद होने की है। जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, वे अपने कुछ साथियों के साथ गोमतीनदी के किनारे पेड़ों के बीच छिप कर खेलते हैं। उन्हें डर लगता है कहीं पुलिस उन्हें पकड़ न ले। वहीं मालती का बेटा आलोक भी बेहतरीन खिलाड़ी है। वह राज्य स्तरीय जमनलाल शर्मा और अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू सब जूनियर हॉकी के कई मुकाबलों में मैन ऑफ मैच रह चुका है। मां बैटरी वाला रिक्शा चलाकर घर का खर्च चलाती हैं। लॉकडाउन में यह काम बंद हो गया है। मालती ने बताया कि अब घर चलाने में दिक्कत हो रही है। कहीं से मदद नहीं मिली तो भूखा रहना पड़ सकता है।

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