प्रमोद चंदूरकर के कारखाने में बन रही रोजाना 1000 पीपीई किट

भारतीय तीरंदाजी संघ के महासचिव हैं प्रमोद चंदूरकर 
कोलकाता।
भारतीय तीरंदाजी संघ के महासचिव प्रमोद चंदूरकर के कारखाने में आम तौर पर हजारों की संख्या में तीरंदाजी का उपकरण बनता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यहां युद्ध स्तर पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का निर्माण हो रहा है। 56 साल के चंदूरकर के कारखाने में लगभग 30 कर्मचारी है जो फ्रंटलाइन वर्कर्स (इस महामारी का सीधे तौर पर सामना करने वालें) के लिए मास्क, दस्ताने और गाउन बना रहे है। 
उनकी कंपनी में रोजना लगभग 1000 पीपीई का निर्माण हो रहा है। एशियाई खेलों (1982) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले चंदूरकर ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' लॉकडाउन (राष्ट्रव्यापी बंद) शुरू होने पर हर कोई अपनी तरफ से देश की सेवा करने की कोशिश कर रहा है। मेरे पास सिलाई करने की सुविधा थी। इसलिए मैंने सोचा कि क्यो न इस बुनियादी ढांचे का उपयोग पीपीई गाउन बनाने में किया जाए।''
चंदूरकर के कोच रहते भारतीय टीम ने 1989 में एशियाई कप में स्वर्ण पदक हासिल किया था। उन्होंने कहा, ''मेरा एक दोस्त चिकित्सा सामग्री का आपूर्तिकर्ता है और उसी की कंपनी ने हमें गाउन बनाने के बारे में बताया। इस दौरान हम इस बात का पूरा ख्याल रखते है कि यहां काम कर रहे कर्मचारी बाहर किसी के संपर्क में नहीं आए।''
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1594 नए मामले सामने आए हैं और 51 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 29,974 हो गई है, जिसमें 22,010 सक्रिय हैं, 7027 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 937 लोगों की मौत हो चुकी है।

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