जापान दुनिया से छिपा रहा था अपनी बीमारी!

ओलम्पिक खेलों का टलना अच्छी बात
नई दिल्ली।
कोरोना वायरस के कारण पिछले एक महीने के भीतर ही दुनिया भर के लगभग सारे बड़े खेल टूर्नामेंट्स रद्द कर दिए गए। विश्व की सबसे महंगी टी-20 क्रिकेट लीग IPL को भी टाल दिया गया, जिस तरह से इस अनजान बीमारी से लोग मर रहे थे, उससे ओलंपिक भी अछूता नहीं रहा। यह तकरीबन तय लग रहा था कि टोक्यो 2020 को आगे बढ़ा दिया जाएगा और हुआ भी यही। इतिहास में पहली बार किसी बीमारी की वजह से ओलंपिक एक साल के लिए टाल दिया गया। टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होना था। अब 30 मार्च को नई तारीख आई और इसके मुताबिक इन खेलों का आयोजन 23 जुलाई 2021 से 8 अगस्त 2021 के बीच होगा।
टालने में इतनी देर क्यों?
पूरी दुनिया की कई नेशनल ओलंपिक कमेटियां (एनओसी) पहले ही इस आयोजन को टालने का अनुरोध कर चुकीं थीं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने तो साफतौर पर कह दिया था कि उनके एथलीट इन खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे। इस बारे में उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना था कि IOC (इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी) और टोक्यो 2020 के आयोजक चाह रहे थे कि खेलों को टालने की पहल उनकी ओर से न हो। ऐसा इसलिए, क्योंकि ओलंपिक को आगे बढ़ाने के फैसले से व्यापारिक और कानूनी दुष्परिणाम होंगे और कोई भी इसकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता था। यह स्थिति इसलिए भी बनी रही, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से कभी कोई ऐसा आदेश नहीं आया, जिसमें कहा गया हो कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते ओलंपिक नहीं हो सकते।
जानबूझकर झूठ बोल रहा था जापान?
जापान की राजधानी टोक्यो में कोरोना के मामलों में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि आई है। पिछले हफ्ते यानी 25 मार्च को जैसे हुई ओलंपिक रद्द होने की घोषणा हुई, रोजाना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 16 से बढ़कर अचानक 63 हो गई। अब आशंका जताई जा रही है कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर भी जापान दुनिया से झूठ बोलता रहा और ओलंपिक के आयोजन के लिए कोरोना के आंकड़े दबाता रहा। जापान के पूर्व पीएम युकियो हातोयामा का भी मानना है कि ओलंपिक की वजह से कोरोना के मरीजों की संख्या दबाई गई। हालांकि, देश के स्वास्थ्य मंत्री की मानी तो ओलंपिक के टलने और कोरोना के नए मामलों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा, 'लोगों के मन में शक है कि मरीजों की संख्या छिपाई गई, इसमें कोई सच्चाई नहीं।'
जापान पर बढ़ जाएगा अरबों डॉलर का भार
ऐसी भी अटकलें थी कि खेलों को बसंत के महीने में कराया जाए जब जापान में चेरी ब्लॉसम के खिलने का समय होता है। लेकिन उस समय यूरोपीय फुटबॉल और उत्तर अमेरिकी खेल लीग होती है। टोक्यो आयोजन समिति के प्रमुख योशिरो मोरी और सीईओ तोशिरो मुतो ने कहा था कि नई तारीखों पर खेलों के आयोजन की लागत बहुत अधिक होगी। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार यह लागत अरबों डॉलर बढ़ जाएगी और इसका बोझ जापान के करदाताओं पर पड़ेगा।
टोक्यो ओलंपिक से जुड़े अहम घटनाक्रम
2013: खुशी के आंसू सितंबर, 2013 में तोक्यो को आईओसी ने ओलंपिक की मेजबानी सौपी जिसके बाद जापान के हजारों लोग खुशी से झूम उठे। प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने वादा किया कि टोक्यो सुरक्षित हाथों में है। 
2015: स्टेडियम की योजना रद्द, ओलंपिक के लिए सबसे महंगे स्टेडियम के कारण आलोचना झेलने के बाद आबे को राष्ट्रीय स्टेडियम के खाके को रद्द करना पड़ा, जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘मैंने फैसला किया है कि हमें फिर से इसका खाका तैयार करना होगा। 
2015: प्रतीक चिन्ह को रद्द किया गया। सितंबर 2015 में चोरी का आरोप लगने के बाद इसके प्रतीक चिन्ह को रद्द कर दिया गया। डिजायनर ओलिवियर डेबी ने आरोप लगाया कि इसका लोगो बेल्जियम के थिएटर से चुराया गया है, उन्होंने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी, जिसके बाद आयोजन समिति ने यह कहते हुए प्रतीक चिन्ह को वापस ले लिया। 
2018: प्यारा शुभंकर प्रतीक चिन्ह में हुई चूक के बाद स्कूली बच्चों द्वारा चुने गए ओलंपिक और पैरालंपिक के ओलंपिक शुभंकर ‘मिराटोवा’ के सही तरीके से जारी होने से आयोजन समिति ने राहत की सांस ली। 
2018: मुक्केबाजी विवाद, एक अभूतपूर्व कदम के तहत अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने विभिन्न आरोपों के साथ खेलों में मुक्केबाजी प्रतियोगिता के संचालन का अधिकार एआईबीए से वापस ले लिया। बाद में हालांकि आईओसी ने खुद ही मुक्केबाजी टूर्नामेंट का आयोजन करने की बात कही। 
2019: रूस पर प्रतिबंध खेलों में रूस की भागीदारी पर दिसंबर में उस समय सवाल उठा जब डोपिंग रोधी एजेंसी वाडा ने ओलंपिक डोपिंग डेटा को लेकर ओलंपिक सहित वैश्विक आयोजनों से चार साल तक देश के एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया। रूस ने अपील करने की लेकिन मार्च 2020 में नए कोरोना वायरस विश्व स्तर पर फैलने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। 
2020: रद्द करना ‘अकल्पनीय’, मार्च के तीसरे सप्ताह में कोरोना वायरस के चपेट में 325,000 से अधिक लोग आ गए जबकि 14,400 से अधिक की मौत हो गई। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया गया है। आयोजकों पर इसे टालने का दबाव बना लेकिन, उन्होंने इसे ‘अकल्पनीय’ करार दिया। 
24 मार्च 2020 आईओसी और जापान ने अंततः एक ऐतिहासिक फैसले में ओलंपिक को स्थगित कर दिया। 
30 मार्च 2020 ओलंपिक स्थगन के एक सप्ताह के अंदर आयोजन समिति ने नये तारीख की घोषण की। ओलंपिक का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई 2021 से होगा।
कोरोना ने दुनिया भर में मचाई तबाही
कोरोना वायरस के कोहराम से अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश भी त्राहिमाम कर रहा है। इटली-स्पेन के बाद कोरोना वायरस का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र बनते जा रहे अमेरिका में पिछले तीन दिन में मरने वालों की संख्या दोगुनी होकर 2400 के पार पहुंच गई है, जबकि अकेले शनिवार को ही पीड़ितों की संख्या 19 हजार से ज्यादा बढ़ गई। दुनिया भर में संक्रमितों का आंकड़ा सात लाख पार कर गया। इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुरी तरह प्रभावित न्यूयार्क क्षेत्र में लॉकडाउन के प्रस्ताव को फिलहाल खारिज कर दिया है। वैश्विक स्तर पर भी जानलेवा महामारी से मौत का आंकड़ा 33 हजार और अकेले यूरोप में मरने वालों की संख्या 25 हजार के पार हो गई है। इसमें 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी अकेले इटली-स्पेन की है।

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