मुक्केबाजों और वेटलिफ्टरों के अभ्यास में खलल

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (आईओसी) की ओर से ओलंपिक क्वालिफायर पर स्थिति साफ होने के बाद जहां ज्यादातर खिलाड़ियों ने राहत की सांस ली है। वहीं कांबेट स्पोर्ट्स (भिड़ंत वाले) और भार वर्ग वाले खेलों के खिलाड़ियों बजरंग, विनेश, मीराबाई चानू, अमित पंघाल, विकास कृष्ण जैसों पर ओलंपिक की तैयारियों को लेकर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए पदक के दावेदार खेल कुश्ती, बॉक्सिंग और वेटलिफ्टिंग के कोच और खिलाड़ियों का मानना है कि थोड़े दिन तक घर में एक्सरसाइज तक काम चल सकता है, लेकिन ज्यादा दिनों तक पार्टनर के बिना ट्रेनिंग मुश्किलें खड़ी करेगी, साथ ही वजन कायम रखने में दिक्कतें आएंगी।
बॉक्सिंग में आंख मिलाने को साथी के साथ ट्रेनिंग जरूरी
बॉक्सिंग में अमित पंघाल (52), मनीष कौशिक (63), विकास कृष्ण (69), आशीष कुमार (75), सतीश कुमार (प्लस 91), मैरी कॉम (51), सिमरनजीत कौर (60), लोवलीना (69) और पूजा रानी (75 किलो) में ओलंपिक टिकट ले चुके हैं।
भारतीय टीम के कोच और देश के पहले पेशेवर बॉक्सर, अर्जुन अवार्डी धर्मेंद्र यादव साफ करते हैं कि बॉक्सिंग में बिना पार्टनर के बहुत दिनों तक तैयारियां नहीं की जा सकती हैं। बॉक्सिंग के दौरान दूसरे बॉक्सर से आंख मिलाकर खेलना कला होती है। यह सिर्फ साथी के साथ ट्रेनिंग से आती है। अकेले पंचिंग बैग से प्रैक्टिस से यह संभव नहीं है। यही कारण है कि ओलंपिक की तैयारियों के लिए ज्यादा दिनों तक घर पर एक्सरसाइज से काम नहीं चल सकता। वह भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थितियां सामान्य हों जिससे बॉक्सरों को पार्टनर मुहैया हो सकें। धर्मेंद्र यह भी मानते हैं कि छोटे भार वर्गों में बिना ट्रेनिंग के वजन को कायम रखना भी बड़ी चुनौती है।
वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफायर बाकी है।
पुरुषों में 57, 81 और 91 किलो में तीन और महिलाओं में 57 किलो में एक ओलंपिक कोटा बचा है।
पहलवानों के लिए वजन कायम रखना चुनौती
ओलंपिक के लिए रवि कुमार (57), बजरंग (65), दीपक पूनिया (86) और विनेश (53 किलो) में ओलंपिक टिकट हासिल कर चुके हैं।  भारतीय महिला टीम के चीफ कोच कुलदीप सिंह मानते हैं कि लॉक डाउन लंबा खिचा और पहलवानों को लंबे वक्त तक घर पर रहना पड़ा तो दिक्कतें खड़ी होंगी। इससे छोटे भार वर्गों के पहलवानों का वजन काफी बढ़ जाएगा। फिर हमारे पास तैयारियों के लिए ज्यादा वक्त नहीं होगा। ऐसी स्थिति पहलवानों को जमीनी स्तर से तैयार करना होगा। उनकी मैट पर ट्रेनिंग बाद में शुरू करनी होगी पहले उनका वजन दुरुस्त कराने के लिए जमकर एक्सरसाइज करानी होगी।
ओलंपिक क्वालिफायर एशियाई और वर्ल्ड बाकी बचे हैं कुश्ती में 
14 ओलंपिक कोटे अभी भी दांव पर, फ्रीस्टाइल में तीन, महिलाओं में पांच और ग्रीको रोमन में छह बाकी
वेटलिफ्टिंग के लिए कमरे में तैयार रखना मुश्किल
वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू (49) और जेरमी लालरिनुनगा का ओलंपिक टिकट पक्का है। मीराबाई लॉकडाउन से पहले एनआईएस पटियाला में लंबे समय से तैयारियां कर रही थीं। उन्होंने अंतिम क्वालिफायर में 207 से 208 वजन उठाने का लक्ष्य रखा था। कैंप में वह 190 किलो तक वजन उठा रही थीं, लेकिन लॉक डाउन के बाद सब कुछ बंद है। वह कमरे में हैं। मीरा का कहना है कि वह भगवान से प्रार्थना कर रही हैं कि जल्द से जल्द कोरोना वायरस से हमारे देश को मुक्ति दिला दे। वह कमरे से बाहर निकलकर अपनी जिम ट्रेनिंग शुरू कर सकें। वेटलिफ्टिंग जैसे खेल में बिना जिम ट्रेनिंग के अपने को दुरुश्त रखना मुश्किल है। इससे चोट का खतरा रहता है।
ओलंपिक क्वालिफायर रहता है वेटलिफ्टिंग का।
इसके बाद रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक क्वालिफायरों की सूची जारी की जाएगी।

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